
आजमगढ़ जिले में दिल दहला देने वाली घटना में पत्नी से विवाद के बाद अपने छह वर्षीय मासूम बेटे की बेरहमी से हत्या करने वाले पिता को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। घटना जून 2023 की है, जब आरोपी ने अपने ही बेटे को पोखरे में डुबोकर जान ले ली थी। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के अतरौलिया थाना क्षेत्र में 16 जून 2023 को एक पिता ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए अपने ही बेटे की हत्या कर दी थी। आरोपी संजय रस्तोगी उर्फ शनि की शादी डाली रस्तोगी से हुई थी। वैवाहिक जीवन में खटपट, रोज-रोज के झगड़े और शराब की लत के कारण डाली अपने मायके भेदवा गांव में रहने लगी थी।
घटना वाले दिन सुबह करीब आठ बजे संजय अपने ससुराल पहुंचा और पत्नी से रुपये की मांग करने लगा। जब पत्नी ने देने से इनकार किया, तो उसने गाली-गलौज करते हुए गुस्से में आकर अपने छह वर्षीय बेटे कार्तिक को नहलाने के बहाने पास के पोखरी पर ले गया और वहीं पानी में डुबोकर उसकी हत्या कर दी।
मां की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा:
बच्चे की हत्या के बाद डाली रस्तोगी ने थाने में संजय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए संजय रस्तोगी को गिरफ्तार किया और पूरे मामले की गहन जांच की। जांच के बाद अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया।
कोर्ट का फैसला:
जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश पांडेय की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल छह गवाह प्रस्तुत किए गए, जिनकी गवाही और सबूतों के आधार पर न्यायालय ने संजय को दोषी करार दिया। अदालत ने उसे सश्रम आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
सामाजिक संदेश और सजा का महत्व:
यह मामला सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं था, बल्कि सामाजिक पतन और नशे की लत से उपजे मानसिक असंतुलन की खतरनाक परिणति भी है। न्यायपालिका ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि मासूमों के खिलाफ किए गए किसी भी अपराध के लिए समाज में कोई जगह नहीं है, और कानून ऐसे अपराधियों को बख्शेगा नहीं।