
दुनिया में सांपों की हजारों प्रजातियां हैं, लेकिन एक ऐसा सांप भी है जिसकी कीमत सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। ‘रेड सैंड बोआ’ नामक यह सांप 25 करोड़ रुपये तक की कीमत में बिकता है। आखिर क्यों है यह सांप इतना महंगा? इसकी रहस्यमयी खूबियां और तांत्रिक मान्यताएं इसे अवैध व्यापारियों की नजर में सबसे अनमोल बना देती हैं।
दो मुंहा सांप या भ्रम?
‘रेड सैंड बोआ’ को आम बोलचाल में ‘दो मुंहा सांप’ कहा जाता है। हालांकि, वास्तव में इसका एक ही सिर होता है, लेकिन इसकी पूंछ कुछ इस तरह होती है कि वह सिर जैसी दिखती है। यही कारण है कि इसे “दो मुंहा” कहा जाता है। यह सांप जहरीला नहीं होता, बल्कि यह बेहद शांत और सुस्त स्वभाव का जीव है।
क्यों बिकता है करोड़ों में?
इस सांप की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ से लेकर 25 करोड़ रुपये तक हो सकती है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर क्यों? इसकी वजहें निम्नलिखित हैं:
- तांत्रिक मान्यताएं:
कई तांत्रिक और ओझा-तांत्रिक इस सांप का प्रयोग धन, सिद्धि और वशीकरण क्रियाओं में करते हैं। ऐसी मान्यता है कि रेड सैंड बोआ से किए गए टोटकों से “अलौकिक शक्तियां” प्राप्त की जा सकती हैं। - औषधीय प्रयोग:
कुछ देशों में इस सांप के शरीर से यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाएं बनाने का दावा किया जाता है। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। - वास्तु और सौभाग्य का प्रतीक:
कई अंधविश्वासों में यह सांप ‘लक्ष्मी का प्रतीक’ माना जाता है। मान्यता है कि इसके घर में होने से धन और समृद्धि आती है। इसीलिए अमीर वर्ग के कुछ लोग इसे खरीदने को तैयार रहते हैं।
भारत में कहां पाया जाता है?
रेड सैंड बोआ आमतौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के रेतीले और शुष्क इलाकों में पाया जाता है। यह ज़मीन के अंदर बिल बनाकर रहता है और रात को सक्रिय होता है।
क्या है कानूनी स्थिति?
भारत सरकार ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत इस सांप को संरक्षित श्रेणी में रखा है। इसका मतलब है:
- इस सांप को पकड़ना, बेचना या तस्करी करना कानूनन अपराध है।
- दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की सजा और भारी जुर्माना हो सकता है।
इसके बावजूद अवैध तस्करी के मामलों में इस सांप की लगातार मांग बनी हुई है। वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार, हर साल कई रेड सैंड बोआ सांप जब्त किए जाते हैं जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचे जाने वाले थे।
वैज्ञानिकों की चेतावनी
विज्ञान समुदाय इस सांप से जुड़े अंधविश्वासों और झूठे दावों को खारिज करता है। उनका कहना है कि इस सांप में कोई अलौकिक शक्ति नहीं होती। यह एक सामान्य, विषहीन प्रजाति है जो पारिस्थितिकी संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके साथ ही विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस सांप की अवैध तस्करी और हत्या इसके अस्तित्व को संकट में डाल सकती है।