
गढ़वाल। उत्तराखंड में हो रही मूसलाधार बारिश ने चारधाम यात्रा को गहरे संकट में डाल दिया है। पहाड़ों पर लगातार हो रहे भूस्खलन और नदियों के उफान के कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यमुनोत्री, केदारनाथ, गंगोत्री और बदरीनाथ की ओर जाने वाले मार्ग बाधित हो गए हैं, जिससे हजारों श्रद्धालु रास्ते में ही फंसे रह गए।
यमुनोत्री हाईवे पर दूसरा दिन भी नहीं शुरू हो सकी आवाजाही
यमुनोत्री हाईवे स्याना चट्टी के पास बड़े पैमाने पर धंसा हुआ है। करीब 25 मीटर हिस्से के धंसने और दोनों ओर से मलबा-बोल्डर गिरने के कारण मार्ग पूरी तरह बंद है। दूसरे दिन भी इस मार्ग पर आवागमन शुरू नहीं हो सका। संबंधित विभाग के ईई मनोज रावत ने बताया कि हाईवे बहाली के प्रयास जारी हैं, लेकिन भारी मलबे और दुर्गम इलाके के चलते कार्य में दिक्कत आ रही है।
केदारनाथ यात्रा बार-बार रोकी गई, 4000 यात्रियों को रोका गया
रविवार रात से सोमवार सुबह तक केदारघाटी में हुई मूसलाधार बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा छह घंटे बाधित रही। इस दौरान यात्रियों को सोनप्रयाग में रोकना पड़ा। पूर्वाह्न 11 बजे के बाद मौसम साफ होने पर चार हजार यात्रियों को धाम की ओर रवाना किया गया, लेकिन शाम पांच बजे फिर मौसम बिगड़ने पर यात्रा स्थगित कर दी गई।
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे मुनकटिया में बाधित हो गया था। साथ ही गौरीकुंड के समीप पैदल मार्ग भी अति संवेदनशील हो गया, जिससे प्रशासन ने एहतियातन यात्रा रोकने के आदेश दिए। सोनप्रयाग में बाजार के पास बैरियर लगाकर यात्रियों को आगे बढ़ने से रोका गया।
NDRF और SDRF जवानों की तैनाती, पैदल यात्रियों को कराया गया सुरक्षित पार
सुबह मौसम में सुधार आने के बाद एनएच विभाग ने सबसे पहले गौरीकुंड हाईवे पर मुनकटिया में पहाड़ी से गिरे बोल्डर और मलबा हटवाया। जेसीबी मशीनों की मदद से रास्ता साफ करने के बाद शटल सेवा के जरिए यात्रियों को धाम रवाना किया गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमों ने सोनप्रयाग और गौरीकुंड में यात्रियों को सुरक्षा घेरे में रास्ता पार कराया।
पैदल मार्ग पर भी स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण रही। जंगलचट्टी, भीमबली, रामबाड़ा, लिनचोली जैसे स्थानों पर भारी बारिश के कारण कई जगहों पर रास्ता फिसलन भरा और खतरनाक हो गया था। वहां भी जवानों की सहायता से श्रद्धालुओं को पार कराया गया।
बदरीनाथ और गंगोत्री मार्ग भी प्रभावित
केदारनाथ और यमुनोत्री के साथ-साथ गंगोत्री हाईवे साढ़े चार घंटे और बदरीनाथ हाईवे दो घंटे तक बाधित रहे। लगातार हो रही बारिश से इन मार्गों पर भी भूस्खलन के खतरे बने हुए हैं। कहीं सड़कें फिसलन भरी हो गई हैं तो कहीं मलबा जमा हो गया है।
नदियों का जलस्तर बढ़ा, स्थानीय प्रशासन सतर्क
बारिश के चलते गढ़वाल क्षेत्र की प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इससे नीचे बसे गांवों और सड़कों के किनारे बने शिविरों में रहने वाले श्रद्धालु और स्थानीय लोग भयभीत हैं। प्रशासन ने सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है और यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम को ध्यान में रखकर ही यात्रा की योजना बनाएं।
प्रशासन की निगरानी में यात्रा संचालन
सोनप्रयाग में तैनात कोतवाली प्रभारी राकेंद्र सिंह कठैत ने जानकारी दी कि अब तक कुल 4,000 यात्रियों को केदारनाथ धाम की ओर रवाना किया गया है, लेकिन शाम को फिर मौसम खराब होने के कारण यात्रा को स्थगित कर दिया गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यात्रा का संचालन किया जा रहा है। मौसम विभाग की चेतावनियों के अनुसार ही अगली रणनीति बनाई जा रही है।