
लखनऊ | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सीआईडी में तैनात एएसपी (ASP) मुकेश प्रताप सिंह की पत्नी नितेश सिंह की आत्महत्या के मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। नितेश की आत्महत्या के बाद से चल रही जांच में एक नया सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ है, जिसने पूरे प्रकरण को नया मोड़ दे दिया है। इस वीडियो में नितेश अपने ऑटिज्म से पीड़ित 12 वर्षीय बेटे पर शारीरिक हिंसा करती दिख रही हैं। यह वीडियो उनके घर में लगे सीसीटीवी कैमरे का बताया जा रहा है।
सीसीटीवी फुटेज में क्या है?
54 सेकंड के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि नितेश सिंह अपने बेटे अनिकेत पर बेहद गुस्से में प्रतिक्रिया कर रही हैं। पहले वह तकिए से बेटे का मुंह दबाती हैं और फिर करीब 13 सेकंड तक उसका गला दबाती हैं। इसके बाद वह अचानक शांत होकर बेटे के पास गुमसुम बैठी नजर आती हैं। उस वक्त उनका डेढ़ साल का छोटा बेटा कमरे में फर्श पर टहल रहा था। यह वीडियो खुद पुलिस अधिकारियों ने कब्जे में ले लिया है और इसकी वैधता की जांच जारी है।
परिजनों के गंभीर आरोप: ‘बचाए जा रहे हैं ASP’
नितेश के भाई प्रमोद कुमार—जो फिरोजाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं—ने ASP मुकेश प्रताप सिंह और उनके सहयोगी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रमोद का कहना है कि उनके बहनोई के साथी अफसर इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें बचाने की रणनीति में जुटे हुए हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने नितेश की मानसिक स्थिति को आधार बनाकर मामले को आत्महत्या में परिवर्तित करने का प्रयास किया है, जबकि सच्चाई यह है कि नितेश को मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी। प्रमोद का दावा है कि मुकेश प्रताप सिंह का एक अन्य महिला से संबंध था और नितेश लगातार तनाव में थीं।
शव सौंपे जाने के बाद अंतिम संस्कार
प्रमोद कुमार ने बुधवार को प्रशासन से लिखित मांग कर बहन का शव प्राप्त किया। गुरुवार को फिरोजाबाद के नगला करन सिंह में अंतिम संस्कार किया गया। दिल दहला देने वाला क्षण तब आया जब डेढ़ साल के बेटे ने मां को मुखाग्नि दी। नितेश के पिता राकेश बाबू बहुजन समाज पार्टी से तीन बार टुंडला विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
डीसीपी मध्य आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एएसपी मुकेश दो दिन के लिए वाराणसी ड्यूटी पर जाने वाले थे। इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी नितेश के मायके से परिजनों को घर बुलाया था। जब वे पहुंचे तो नितेश मृत अवस्था में पाई गईं। पुलिस ने घटनास्थल की जांच के बाद शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मामला दर्ज करने की प्रक्रिया की शुरुआत की, लेकिन अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मिश्र ने कहा कि अभी तक तहरीर नहीं दी गई है। यदि परिजन तहरीर देते हैं, तो जांच शुरू की जाएगी।
प्रमोद की चेतावनी: “साक्ष्य इकट्ठा कर करूंगा खुलासा”
प्रमोद कुमार का कहना है कि वे इस मामले में पर्याप्त साक्ष्य जुटा रहे हैं। उन्होंने पुलिस से दो-तीन दिन का समय मांगा है और इसके बाद ASP मुकेश प्रताप सिंह के खिलाफ विधिवत तहरीर देंगे। साथ ही वे इस मामले को शासन स्तर तक ले जाने की तैयारी में हैं। उनका यह भी कहना है कि वे किसी भी दबाव में नहीं आएंगे और अपनी बहन को न्याय दिलाकर रहेंगे।
मानसिक बीमारी या मानसिक प्रताड़ना?
ASP के घरवालों की ओर से यह दावा किया गया है कि नितेश डिप्रेशन से जूझ रही थीं और उनका इलाज चल रहा था। लेकिन नितेश के मायके पक्ष के मुताबिक यह दावा मात्र एक भ्रम फैलाने की कोशिश है, ताकि एएसपी को बचाया जा सके।
कानूनी जटिलताओं में उलझता एक और आत्महत्या केस
यह मामला सिर्फ एक आत्महत्या का नहीं रह गया है, बल्कि अब यह सत्ता, पुलिसिया दबाव, पारिवारिक हिंसा, मानसिक स्वास्थ्य और न्याय व्यवस्था के बीच उलझती एक गूढ़ गाथा बन चुका है। अब देखना यह होगा कि नितेश को आत्महत्या के लिए उकसाने वालों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई होती है या फिर यह मामला भी किसी और विवाद की तरह फाइलों में दफन होकर रह जाएगा।