
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में सोमवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी। अछनेरा थाने के हिस्ट्रीशीटर नेत्रपाल (38) और उसके दोस्त कृष्णपाल उर्फ केपी (35) की बेरहमी से हत्या कर दी गई। दोनों के हाथ-पैर बंधे हुए थे और शरीर पर धारदार हथियार से किए गए गहरे घावों के निशान थे। हत्या के बाद शवों को घास में छिपाकर फेंक दिया गया।
रविवार रात से थे लापता
नेत्रपाल और केपी रविवार रात करीब आठ बजे बिना किसी को बताए घर से निकले थे। केपी के भाई अजयपाल ने बताया कि उसका भाई सबमर्सिबल पंप बंद करने के बहाने बाहर निकला था, और उसके बाद नेत्रपाल के साथ बाइक पर कहीं चला गया। जब देर रात तक दोनों वापस नहीं लौटे और फोन भी बंद मिला, तो परिजनों को चिंता हुई।
धान के खेत में मिला खून से लथपथ शव
सोमवार सुबह पुरामना गांव में किसान जब धान के खेत में काम करने पहुंचे तो उन्होंने धनाैली नहर के पास केपी का शव खून से सना पड़ा देखा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तलाशी के दौरान 30 मीटर दूर माइनर के पास नेत्रपाल का शव भी बरामद किया। दोनों की मौत अत्यंत क्रूरता से की गई थी। उनके हाथ-पैर रस्सी से बांधे गए थे और सिर पर धारदार हथियार से वार किया गया था। घटनास्थल से करीब 200 मीटर दूर केपी की अपाचे बाइक भी बरामद हुई।
ग्रामीणों का हंगामा, जाम और विरोध प्रदर्शन
हत्या की सूचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और परिजन मौके पर पहुंचे। जब पुलिस शवों को उठाने लगी, तो आक्रोशित ग्रामीणों ने शवों को अछनेरा थाने के पास चौराहे पर रखकर प्रदर्शन किया और फिर भरतपुर मार्ग पर जाम लगा दिया। लोगों की मांग थी कि हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में समझौता
सूचना मिलने पर अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह और डीसीपी पश्चिम अतुल शर्मा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे की बातचीत और जल्द हत्याकांड के खुलासे के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया। लेकिन इस दौरान हाईवे पर यातायात कई किलोमीटर तक ठप हो गया।
हत्याकांड की जांच जारी, कई टीमें गठित
नेत्रपाल के भाई अजयपाल ने अज्ञात के खिलाफ थाना किरावली में तहरीर दी है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए टीमें गठित कर दी हैं। डीसीपी अतुल शर्मा के अनुसार, हत्या के कारण का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल सका है, लेकिन प्रारंभिक जांच में सिर पर धारदार हथियार से हमला किए जाने की पुष्टि हुई है।
केपी के पिता थे सिंचाई विभाग में अधिकारी
कृष्णपाल उर्फ केपी के पिता लालाराम राजस्थान सिंचाई विभाग में एई पद से वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त हुए थे। दोनों बेटे — अजयपाल और कृष्णपाल — खेती कर जीवन यापन कर रहे थे। परिजनों का कहना है कि उनकी किसी से कोई रंजिश नहीं थी। यह हत्याकांड आगरा पुलिस के सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है। हिस्ट्रीशीटर की हत्या के कारणों में पुरानी रंजिश, गैंगवार या अन्य आपराधिक विवाद की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि ग्रामीणों के भीतर बढ़ते असुरक्षा के भाव को भी उजागर करती है।