
देहरादून| उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने देहरादून, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बारिश के बाद विभिन्न इलाकों में मलबा आने से प्रदेश की 87 सड़कों पर यातायात पूरी तरह बंद हो गया है। चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जिलों में सबसे ज्यादा असर देखा गया है।
📍 बारिश से प्रभावित जिले और बंद सड़कें:
जिला | बंद सड़कों की संख्या |
---|---|
चमोली | 17 |
पिथौरागढ़ | 15 |
उत्तरकाशी | 12 (1 राजमार्ग सहित) |
टिहरी | 8 |
नैनीताल | 7 |
बागेश्वर | 9 |
पौड़ी | 6 |
देहरादून | 5 |
चंपावत | 3 |
अल्मोड़ा | 1 |
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, इन सभी सड़कों को खोलने का कार्य जारी है, लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते बाधाएं बनी हुई हैं।
⚠️ स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद
भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए देहरादून जिले में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को 10 जुलाई को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
🌧️ आने वाले दिनों का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार:
- 10 जुलाई को तेज बारिश का दौर जारी रहेगा।
- 11–13 जुलाई के बीच हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है।
- 14 जुलाई से फिर एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जिससे भारी बारिश लौट सकती है।
🛑 चारधाम यात्रा पर भी असर
गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ जाने वाले प्रमुख राजमार्गों पर जगह-जगह मलबा और भूस्खलन से रुकावटें बनी हुई हैं। प्रशासन तीर्थयात्रियों से अपील कर रहा है कि मौसम की स्थिति देखकर ही यात्रा की योजना बनाएं।
🔍 प्रशासन की अपील
- अनावश्यक यात्रा से बचें
- पहाड़ी और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाएं
- बच्चों और बुजुर्गों को घर पर ही रखें
- आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन या टोल फ्री नंबरों पर संपर्क करें
उत्तराखंड में मानसून पूरी ताकत से सक्रिय है और इससे पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन और सामान्य जीवन पर बड़ा असर पड़ा है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है, लेकिन जनता की सतर्कता और सहयोग इस समय सबसे जरूरी है।