
देहरादून| उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में इस बार महिलाओं की जबरदस्त भागीदारी देखने को मिल रही है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, नामांकन दाखिल करने वाले कुल उम्मीदवारों में 59 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो कि अब तक का एक नया रिकॉर्ड है।
प्रदेशभर में 63,569 उम्मीदवारों ने विभिन्न पदों के लिए नामांकन दाखिल किया है, जिनमें 37,356 महिला उम्मीदवार हैं। यह आंकड़ा उस स्थिति में आया है जब पंचायत चुनावों में केवल 50% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। यानी महिलाओं ने आरक्षण से आगे बढ़कर लोकतांत्रिक हिस्सेदारी का उदाहरण पेश किया है।
🔸 महिला नामांकन का वर्गवार विवरण:
वर्ग | महिला उम्मीदवार |
---|---|
अनुसूचित जनजाति (ST) | 2,401 |
अनुसूचित जाति (SC) | 11,208 |
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) | 4,532 |
🔸 पदवार महिला उम्मीदवारों की संख्या:
पदनाम | कुल पद | कुल नामांकन | महिला उम्मीदवार |
---|---|---|---|
जिला पंचायत सदस्य | 358 | 1,885 | 931 |
क्षेत्र पंचायत सदस्य | 2,974 | 11,478 | 6,221 |
ग्राम प्रधान | 7,499 | 21,912 | 12,510 |
ग्राम पंचायत सदस्य | 55,587 | 28,294 | 17,694 |
🗳️ चुनावी प्रक्रिया का शेड्यूल:
- नामांकन पत्रों की जांच: 7 से 9 जुलाई
- नामांकन वापसी की तिथि: 10 व 11 जुलाई
- उम्मीदवारों की अंतिम सूची: 11 जुलाई, दोपहर 3 बजे तक
- प्रथम चरण के चुनाव चिह्न आवंटन: 14 जुलाई
- प्रथम चरण का मतदान: 24 जुलाई
💬 राजनीतिक और सामाजिक संकेत:
इस बार महिलाओं का सक्रिय रूप से चुनाव मैदान में आना न सिर्फ ग्रामीण राजनीति में लैंगिक समानता की ओर बड़ा कदम है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता और सशक्तिकरण का भी प्रतीक है। आरक्षित वर्गों की महिलाओं में भी उत्साह देखा गया है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने वाली संस्थाओं में महिला नेतृत्व और मजबूत होगा।
उत्तराखंड की ‘छोटी सरकार’ में इस बार महिलाएं बड़ी भूमिका निभाने को तैयार हैं।