
देहरादून | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों को मंजूरी दी गई। बैठक में राज्य की पहली जियोथर्मल नीति को स्वीकृति प्रदान की गई, जिससे प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई दिशा की शुरुआत मानी जा रही है। इसके अलावा पेंशन, खनन, पुलों की क्षमता और विभागीय ढांचे के सुदृढ़ीकरण से जुड़े कई प्रस्तावों पर मुहर लगी।
मुख्य निर्णय इस प्रकार रहे:
🟢 जियोथर्मल नीति को मंजूरी
राज्य में जियोथर्मल ऊर्जा के दोहन और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने विशेष नीति को स्वीकृति दी। इससे पहाड़ी क्षेत्रों में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
🟢 पुलों की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) को मंजूरी
राज्य में पुलों की भार क्षमता और संरचनात्मक मजबूती सुनिश्चित करने के लिए एक अलग प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित करने को स्वीकृति दी गई।
🟢 वृद्धावस्था पेंशन में बड़ा बदलाव
अब पुत्र के 18 वर्ष के होने पर वृद्धावस्था पेंशन बंद नहीं होगी। इस प्रस्ताव में संशोधन कर इसे लागू करने का निर्णय लिया गया, जिससे हजारों बुजुर्गों को राहत मिलेगी।
🟢 खनन क्षेत्र में सुधार
नए खनिजों की पहचान और दोहन के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर खनन न्यास (Mining Trust) बनाए जाएंगे। इससे स्थानीय विकास और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
🟢 विभागीय ढांचे में बदलाव
- सतर्कता विभाग में 20 नए पद स्वीकृत किए गए। अब इस विभाग में कुल पदों की संख्या 132 से बढ़ाकर 156 कर दी गई।
- GST विभाग के ढांचे में भी पदों की संख्या बढ़ाई गई है, जिससे कर संग्रहण और अनुपालन में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री धामी ने इन निर्णयों को राज्य के विकास और प्रशासनिक दक्षता की दिशा में निर्णायक कदम बताया। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार पारदर्शी प्रशासन, सामाजिक सुरक्षा और वैकल्पिक ऊर्जा को लेकर प्रतिबद्ध है।” इन फैसलों से न केवल राज्य के प्रशासनिक ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि ऊर्जा, पेंशन और खनन जैसे क्षेत्रों में भी नई संभावनाएं विकसित होंगी।