देहरादून। निकाय चुनाव में उतरे बागी प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा करेंगे। उत्तरकाशी, टिहरी, बड़कोट, कर्णप्रयाग, दुगड्डा समेत कई निकायों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ नामांकनपत्र वापस नहीं लिए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट समेत सासंदों, मंत्रियों, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों की बागियों को मनाने की कोशिशें नाकाम हो गईं। अब शुक्रवार को पार्टी सभी जिलाध्यक्षों से बागियों की सूची मंगाकर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएगी। बृहस्पतिवार को नामांकन वापस लेने का दिन था।
शाम चार बजे तक प्रदेश पार्टी मुख्यालय से लेकर जिलों और मंडलों तक पार्टी नेता अपने-अपने निकायों में उन कार्यकर्ताओं से नामांकन वापस लेने का दबाव बनाते रहे, जिन्होंने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ पर्चा भरा है। कर्णप्रयाग पालिका में पार्टी प्रत्याशी गणेश शाह के खिलाफ थराली के पार्टी विधायक भूपाल राम टम्टा के बेटे जय प्रकाश ने ताल ठोक दी। दिनभर भाजपा नेता विधायक को फोन लगाते रहे, लेकिन विधायक का फोन नहीं उठा। बाद में स्विच ऑफ हो गया। संगठन स्तर पर इसे अनुशासनहीनता माना जा रहा है। उत्तरकाशी पालिका में पार्टी प्रत्याशी किशोर भट्ट के खिलाफ उतरे भूपेंद्र चौहान मैदान से नहीं हटे, तो टिहरी पालिका में पार्टी के विक्रम सिंह कठैत और अनुसुइया नौटियाल ने भी पर्चे वापस नहीं लिए।
दुगड्डा में भावना चौहान पर भी पार्टी नेताओं की मान-मनव्वल का जादू नहीं चला। नौगांव में पूर्व विधायक राजकुमार के भाई यशवंत कुमार ने जिद नहीं छोड़ी और पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव डटे हैं। पौड़ी में भाजपा की तीन महिला कार्यकर्ताओं कुसुम चमोली, प्रियंका थपलियाल और बीना भंडारी ने संगठन नेतृत्व की सांसें फुला दी हैं। काफी कोशिशों के बावजूद किसी ने भी नामांकन वापस नहीं लिया। इनके अलावा श्रीनगर नगर निगम में एक, मुनिकी रेती, बड़कोट नगर पालिका में एक-एक, बड़कोट निकाय में छह बागियों के मैदान में डटे होने से पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
अधिकतर निकायों में सक्रिय कार्यकर्ताओं ने बिना शर्त नाम वापस ले लिए हैं। शेष लोगों पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई होगी। ऐसे अनुशासनहीन लोगों को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित किया जाएगा।
– महेंद्र भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा