हल्द्वानी। हल्द्वानी नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट की ओर से छह लोगों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे में से तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है। एक की हालत नाजुक है, जबकि शेष दो आरोपी साफिया और अब्दुल मलिक जेल में हैं। ऐसे में पुलिस की जांच दस्तावेजों में ही अटककर रह गई है।
बता दें कि, मलिक के बगीचे की नजूल जमीन खरीद-फरोख्त मामले में नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने कोतवाली हल्द्वानी में शिकायती पत्र सौंपा था। कहा था कि साफिया मलिक पत्नी अब्दुल मलिक, अब्दुल मलिक निवासी अब्दुला बिल्डिंग लाइन नंबर आठ, अख्तरी बेगम पत्नी नन्हें खां, नबी रजा खां निवासी हल्द्वानी, गौस रजा खां निवासी लाइन नंबर 17 आजाद नगर हल्द्वानी और अब्दुल लतीफ निवासी बरेली (उत्तर प्रदेश) ने कूटरचित प्रार्थना पत्र दिए। साथ ही इन्होंने मरे हुए व्यक्ति का शपथपत्र देकर राजकीय जमीन (मलिक का बगीचा) हड़पने, खुर्द-बुर्द करने, बेचने का आपराधिक षडयंत्र किया।
सरकारी विभागों और कोर्ट में मरे हुए व्यक्ति के नाम से झूठे शपथपत्र दिए। मरे हुए व्यक्ति के नाम से कोर्ट में रिट डाली गई, पुलिस ने तहरीर के आधार पर साफिया मलिक, अब्दुल मलिक, अख्तरी बेगम, नबी रजा खां, गौस रजा खां और अब्दुल लतीफ के खिलाफ धोखाधड़ी, आईपीसी 417 और 120 बी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी नबी रजा खां, अख्तरी बेग और अब्दुल लतीफ की मौत हो चुकी है। गौस रजा खां की उम्र 82 वर्ष है। दिल्ली के अस्पताल में वह वेंटिलेटर में भर्ती थे। डॉक्टरों ने उनकी हालत बेहद नाजुक बताते हुए घर भेज दिया है। वह भी अंतिम सांसें गिन रहे हैं।
अब पुलिस की जांच अब्दुल मलिक, साफिया मलिक और दस्तावेजों पर आकर टिक गई है। पुलिस जल्द साफिया मलिक से इस बारे में पूछताछ कर सकती है। कोतवाल उमेश मलिक के बताया कि जांच अब दो आरोपियों और दस्तावेजों पर टिकी है। जल्द ही पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर सकती है।