देहरादून। राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों से निकाले गए कोरोना काल के आउटसोर्स कर्मियों के समायोजन की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे एक कर्मी ने बुधवार को शौचालय में बंद कर लिया। वह करीब छह घंटे तक भीतर ही रहा, जिससे एकता विहार स्थित धरना स्थल पर अफरा तफरी मची रही। वहीं, पुलिस-प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए। बाद में कर्मचारी के बेहोश होने पर किसी तरह उसे बाहर निकाला गया।
दरअसल, समायोजन की मांग कर रहे आउटसोर्स कर्मियों को एकता विहार स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शन करते करीब सवा माह का वक्त हो चुका है। वहीं, पिछले 27 दिन से कर्मचारी एक-एक, दो-दो कर भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं।
बुधवार को भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारी प्रदीप उनियाल और मुकेश शर्मा की तबीयत बिगड़ने पर मेडिकल टीम ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाने की सलाह दी, जिस पर पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। भारी हंगामे के बीच प्रदीप उनियाल को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
इस बीच दूसरे कर्मचारी मुकेश ने मौका देख खुद को शौचालय में बंद कर लिया। उसने करीब छह घंटे तक खुद को बंद रखा और एसडीएम को बुलाने की मांग की। बाद में उसके बेहोश होने पर अन्य कर्मचारी बड़ी मुश्किल से शौचालय के अंदर घुसने में कामयाब हुए।
जिला प्रशासन की सहायता से आपातकालीन सेवा के माध्यम से उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। इसके अलावा, हंगामे की बीच एक अन्य कर्मचारी रामनिवास को भी तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान जिलाध्यक्ष शर्मिला चौहान, मिथलेश बलूनी, धनवीर, निशा, अमित सामते प्रदेश भर से आए कर्मचारी मौजूद रहे।