
मेहन्दीपुर बालाजी में ’तीन पहाड़‘ की यात्रा करना रोमांचक ही नहीं बल्कि पुण्य फल प्रदान करने वाला भी है। रामदरबार के ठीक बगल से तीन पहाड़ की चढ़ाई शुरू होती है। यहां से चलते समय शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए दूध खरीदते हैं। सुबह के समय पहाड़ी पर स्थापित शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाया जाता है जो महान पुण्य फल देने वाला है।
इसकेऊपर जब हम तीन पहाड़ पर आगे की यात्रा करते हैं तो हमें बारी-बारी सभी देवी देवताओं के दर्शन होते हैं। तीन पहाड़ पर दाईं तथा बाईं तरफ देवी देवताओं के भव्य व आकर्षक मन्दिर बने हुए हैं जिन्हें दर्शन करते हुए दिल नहीं भरता। आश्चर्यजनक बात यह है कि प्रत्येक यात्रा के दौरान यहां का नजारा कुछ बदला हुआ नजर आता है।
पहाड़ी पर पितरों के लिए स्थान छोड़े गए हैं जो कि काफी प्राचीन महत्त्व रखते हैं। तीन पहाड़ पर शक्तियों का निवास है। तीन पहाड़ के ऊपर से जब नीचे की तरफ देखते हैं तो हनुमान जी की मूर्ति पत्थर निर्मित दिखाई देती है जोकि सिर विहीन है। मूर्ति निर्माणकारों का कहना है कि यह करीब 60-65 फुट ऊंची प्रतिमा काफी वर्षों से निर्माणाधीन है लेकिन अभी तक पूर्ण नहीं हो सकी, इसके पीछे रहस्य यह है कि बाबा हनुमान जी स्वयं ही यह मूर्ति निर्माण नहीं चाहते हैं। तीन पहाड़ पर माता काली के मंदिरों और हनुमान मंदिरों की भरमार है।
मान्यता है कि पित्तरों को माता काली के चरणों में स्थान दिलवाया जाता है जिसके बाकायदा यहां पत्थर लगाए हुए हैं। माता वैष्णों देवी (शेरावाली मंदिर), भगवान रामेश्वरम् महादेव मंदिर, शक्ति मंदिर, माता सन्तोषी देवी मंदिर, गणेश मंदिर, गुरू गोरखनाथ मंदिर आदि कितने ही भव्य स्थान तीन पहाड़ पर शक्ति सम्पन्नता को प्रकट करते हैं।
’तीन पहाड़ के सबसे ऊपर चोटी में तीन पहाड़ मंदिरहै। जहां जाकर हमारी यात्रा संपूर्ण व सफल मानी जाती है। तीन पहाड़ की यात्रा मनोरंजन व धार्मिक दोनों उद्देश्यों से की जाती रही है। तीन पहाड़ के नीचे दाई तरफ बाबा जी की समाधि है जहां विभिन्न योनियों का आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है। पूर्व दिशा में रामदरबार है जहां भगवान श्री रामचन्द्र जी और भगवती सीता जी साक्षत विराजमान हैं।
रामदरबार के ठीक सामने बालाजी (हनुमानजी) का मंदिर है। बालाजी मंदिर में रोग व आपदाग्रस्त, संकटग्रस्त भूत-प्रेत आदि व्याधियों से पीड़ित व्यक्तियों का इलाज होता है। बालाजी मंदिरों में प्रवेश करते ही आपदाग्रस्त व्यक्ति या महिला के शरीर में स्थित भूत-प्रेत आदि हाजिर हो जाता है। भगवान बालाजी की कृपा से उस रोगी पर मार पड़नी शुरू हो जाती है और भूत को यातनाएं देकर नष्ट कर दिया जाता है।
मान्यता है कि मेहन्दीपुर बालाजी में बिताया समय सार्थक सिद्ध होता है और पापों को नष्ट करके शक्ति, सामथ्र्य प्रदान करता है। यहां स्नान करने से शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है। श्रीराम दरबार में जीव के कर्मों का लेखा जोखा होता है जिसे देखकर प्रत्येक प्राणी अपनी आत्मा में झांकता है।