रुद्रपुर। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सिडकुल की एक फैक्टरी में प्रतिबंधित प्लास्टिक और डिस्पोजेबल सामग्री बनाई जा रही थी। सूचना पर प्रशासन और नगर निगम की टीम ने छापा मारकर फैक्टरी से करीब साढ़े तीन टन प्रतिबंधित प्लास्टिक के गिलास व कच्चा माल जब्त किया। नगर निगम की ओर से फैक्टरी पर पांच लाख का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही प्लास्टिक के गिलास बना रही दो मशीनों को सील कर दिया गया।
सोमवार की शाम को जिला प्रशासन, सिडकुल, नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सिडकुल की सेक्टर तीन के प्लाट संख्या 15 में स्थित गर्ग इंटरप्राइजेज कंपनी में छापा मारा गया। टीम जब अंदर पहुंची तो वहां बड़ी संख्या में प्रतिबंधित प्लास्टिक की गिलास तैयार किए जाते मिले। एसडीएम प्रत्यूष सिंह की मौजूदगी में करीब दो घंटे तक सभी मशीनों और तैयार माल की जांच की गई। मौके पर करीब 30 श्रमिक काम करते मिले।
एसडीएम ने बताया कि फैक्टरी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और दोनों मशीनों को सील कर दिया गया है। इस दौरान सिडकुल के क्षेत्रीय प्रबंधक मनीष बिष्ट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी नरेश गोस्वामी, नगर निगम की सहायक आयुक्त राजू नबियाल आदि मौजूद थे।
सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित किया गया है। फैक्टरी ने शासन से दही के डिब्बे बनाने की अनुमति प्राप्त की थी जबकि इसकी आड़ में प्रतिबंधित डिस्पोजेबल गिलास व अन्य सामग्री का निर्माण लंबे समय से किया जा रहा था। पूर्व में प्लास्टिक सामग्री प्रतिबंधित होने के बाद कंपनी से कई मशीनों को बंद करने के लिए कहा गया था लेकिन फैक्टरी प्रबंधन ने गुपचुप ढंग से डिस्पोजेबल गिलास बनाने का काम जारी रखा।
सिडकुल स्थित गर्ग इंटरप्राइजेज कंपनी हल्द्वानी के एक व्यवसायी की है। फैक्टरी पर पहले भी प्रतिबंधित प्लास्टिक का निर्माण करने पर जुर्माने की कार्रवाई हो चुकी है। प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी नरेश गोस्वामी ने बताया कि एक साल पहले फैक्टरी पर पंद्रह लाख का जुर्माना लगाया गया था।