
उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक उबाल का कारण बन गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो के बाद वीआईपी के नाम को लेकर जनता में आक्रोश तेज हो गया है। इसी आक्रोश को लेकर कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को पूरे प्रदेश में व्यापक प्रदर्शन किया। देहरादून सहित सभी जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाले, नारेबाजी की और पुतला दहन कर सरकार के खिलाफ विरोध जताया।
कांग्रेस का कहना है कि अंकिता हत्याकांड में अब तक सच्चाई सामने नहीं लाई गई है और वीआईपी के नाम को जानबूझकर छिपाया जा रहा है। पार्टी ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने और वीआईपी का नाम सार्वजनिक करने की मांग को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सरकार प्रभावशाली लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
कर्णप्रयाग में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्य बाजार में जुलूस निकालते हुए पूर्व सांसद का पुतला दहन किया। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी ने कहा कि वायरल वीडियो में जिस तरह वीआईपी का उल्लेख किया गया है, उससे साफ है कि मामले में प्रभावशाली लोगों की भूमिका है। उन्होंने मांग की कि सरकार निष्पक्ष जांच कराए और दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाए।
रुद्रप्रयाग में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्य बाजार में सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। नारेबाजी के बीच पुतला दहन किया गया और आरोप लगाया गया कि सरकार इस हत्याकांड में शामिल अपराधियों को संरक्षण दे रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व सांसद की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि जब तक निष्पक्ष जांच नहीं होगी, तब तक न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि अंकिता पहाड़ की बेटी थी और उसके साथ जो हुआ वह पूरे समाज के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड में शामिल वीआईपी को फांसी जैसी सख्त सजा मिलनी चाहिए।
श्रीनगर के गोला पार्क में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेता का पुतला दहन कर विरोध जताया। यहां भी सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अंकिता हत्याकांड कोई साधारण अपराध नहीं बल्कि एक सुनियोजित आपराधिक मामला है। उनका कहना था कि वीआईपी के नाम पर अब राष्ट्रीय स्तर के नेता का चेहरा सामने आना बेहद चिंताजनक और शर्मनाक है।
प्रदेशभर में हुए इन प्रदर्शनों से साफ है कि अंकिता हत्याकांड को लेकर जनता का गुस्सा अभी ठंडा नहीं पड़ा है। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि जब तक वीआईपी का नाम उजागर नहीं किया जाता और मामले की सीबीआई जांच नहीं होती, तब तक उसका आंदोलन जारी रहेगा। वहीं, आम लोगों में भी यह भावना मजबूत हो रही है कि प्रभाव और पद के आधार पर किसी को भी कानून से ऊपर नहीं होना चाहिए।




