
कानपुर | कानपुर के बारासिरोही मोहल्ले में जल निगम द्वारा अमृत 2.0 योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने के नाम पर की गई मनमानी खुदाई अब स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों के लिए सिरदर्द बन चुकी है। शुक्रवार को इसी मामले में एक बड़ा विवाद उस वक्त सामने आया, जब क्षेत्रीय पार्षद ज्योति पासवान के पति दिनेश पासवान और परियोजना से जुड़े ठेकेदार निखिल जोशी के बीच नगर अधिकारियों के सामने ही तीखी बहस और धक्का-मुक्की हो गई।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब नगर आयुक्त सुधीर कुमार के निर्देश पर जलकल विभाग के महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी मौके पर निरीक्षण के लिए पहुंचे। निरीक्षण के दौरान दिनेश पासवान ने ठेकेदार को सड़कों की बदहाल हालत, गड्ढों, कीचड़ और जलभराव की ओर इशारा करते हुए आड़े हाथों लिया। इस दौरान कहासुनी इतनी बढ़ गई कि धक्का-मुक्की की नौबत आ गई।
दिनेश पासवान का आरोप है कि ठेकेदार ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और जब स्थानीय लोग एकत्र होने लगे तो ठेकेदार मौके से भाग खड़े हुए। उन्होंने नगर आयुक्त को पत्र भेजकर ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और कार्य का जिम्मा किसी अन्य ठेकेदार को सौंपने की मांग की है ताकि क्षेत्रवासियों को हो रही परेशानियों से जल्द राहत मिल सके।
मनमानी खुदाई, टूटी सीएनजी लाइन और नजरअंदाज निर्देश
गौरतलब है कि अमृत 2.0 योजना के तहत नानकारी सहित पांच वार्डों में पाइपलाइन बिछाने का काम जल निगम द्वारा किया जा रहा है। लेकिन बारासिरोही मोहल्ले में बरसात के बीच बिना किसी योजना या पूर्व सूचना के आधी से ज्यादा सड़कें खोद दी गईं। न सिर्फ मुख्य सड़कें, बल्कि गलियों तक को खोद दिया गया, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने पहले ही 23 जुलाई को निर्देश दिए थे कि जब तक पहले से खुदी सड़कों की मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक आगे की खुदाई पर रोक लगाई जाए। इसके बावजूद ठेकेदार द्वारा 24 जुलाई को न सिर्फ खुदाई जारी रखी गई, बल्कि सीएनजी लाइन को भी नुकसान पहुंचा दिया गया, जो कि एक बड़ी लापरवाही मानी जा रही है।
अधिकारी बोले – रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने कहा,
“मैंने जलकल विभाग के जीएम को बारासिरोही की स्थिति की जांच के लिए भेजा था। मामले की जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
वहीं जलकल विभाग के महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी ने स्वीकार किया कि ठेकेदार ने प्रमुख सड़कों के साथ-साथ सभी गलियों को भी खोद डाला है। उन्होंने कहा कि जल निगम को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि खुदाई के बाद तुरंत मरम्मत कराई जाए ताकि लोगों को असुविधा न हो।
स्थानीय जनता का गुस्सा और चिंता
इस पूरी घटना ने स्थानीय नागरिकों में रोष पैदा कर दिया है। जलभराव और कीचड़ के कारण बच्चों, बुजुर्गों और वाहन चालकों के लिए रास्तों से गुजरना खतरे से खाली नहीं है। स्थानीय दुकानदारों का व्यापार प्रभावित हो रहा है और कई घरों में सीवर और पानी की लाइनें भी बाधित हो चुकी हैं।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि ऐसी लापरवाह कार्यप्रणाली से योजनाओं का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा। यदि समय रहते मरम्मत और प्रबंधन नहीं हुआ, तो स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है।