
देहरादून। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक अहम सूचना सामने आई है। आगामी 31 जुलाई तक चयन वर्ष समाप्त होने से पहले पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जबकि तबादलों के लिए इंतजार करना होगा। कारण है कि राज्य में पंचायत चुनावों की प्रक्रिया जारी है और आचार संहिता लागू है, जिसके कारण तबादलों पर फिलहाल रोक है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सभी विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने बताया कि आचार संहिता के दौरान तबादले की अनुमति नहीं दी जा सकती, लेकिन पदोन्नति की कार्रवाई को रोका नहीं जाएगा। ऐसे में तमाम विभागों को यह निर्देशित किया गया है कि वे अपनी डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) या अन्य प्रक्रियाओं के तहत चयन वर्ष के भीतर पदोन्नति संबंधी कार्यवाही पूरी कर लें।
क्या है मामला?
उत्तराखंड में पंचायत चुनावों के चलते 31 जुलाई तक आचार संहिता लागू है। राज्य के कई विभागों में पदोन्नति और तबादले की कार्रवाई चयन वर्ष की अंतिम तिथि (31 जुलाई) से पहले पूरी की जानी जरूरी है। ऐसे में विभागों ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर यह जानना चाहा था कि क्या आचार संहिता के बीच भी यह संभव है। आयोग ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि—
- पदोन्नति की अनुमति दी जा सकती है।
- पदोन्नति आदेश भी जारी किए जा सकते हैं।
- लेकिन तबादले के आदेश आचार संहिता खत्म होने के बाद ही प्रभावी होंगे।
क्यों जरूरी है चयन वर्ष तक पदोन्नति?
राज्य सरकार के सेवा नियमों के तहत प्रत्येक विभाग को हर वर्ष 31 जुलाई तक चयन वर्ष के तहत पदोन्नति व तबादलों की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। यह प्रक्रिया प्रशासनिक सुचारूता और कर्मचारियों की वरिष्ठता के निर्धारण के लिए अनिवार्य मानी जाती है।
तबादले होंगे अगस्त में?
पदोन्नति के आदेश भले ही जुलाई में जारी हो जाएं, लेकिन तबादले आचार संहिता खत्म होने के बाद यानी अगस्त के पहले सप्ताह में होने की संभावना जताई जा रही है। विभागों को इस बाबत अग्रिम तैयारी करने और संबंधित अधिकारियों को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं।
केवल जरूरी कामों को ही मिल रही है अनुमति
चुनाव के दौरान केवल आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य और अति आवश्यक परियोजनाओं के लिए ही निविदाएं, कार्यादेश या प्रशासनिक निर्णयों की अनुमति दी जा रही है। आयोग ने बताया कि—
- औसतन रोज तीन अनुमतियां स्वीकृत, तो तीन खारिज की जा रही हैं।
- जो कार्य चुनाव के बाद किए जा सकते हैं, उन्हें फिलहाल अनुमति नहीं दी जा रही।
उत्तराखंड सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चयन वर्ष की समयसीमा का पालन करते हुए विभाग पदोन्नति आदेश जारी कर सकते हैं, लेकिन तबादलों पर रोक जारी रहेगी, जब तक आचार संहिता प्रभावी है। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक संतुलन बनाए रखने में सहायक है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता के लिए भी आवश्यक है।