
नैनीताल | उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध चंडी मंदिर के प्रबंधन को अगले आदेश तक बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) को सौंपने के निर्देश दिए हैं। यह कार्रवाई मंदिर के तत्कालीन महंत रोहित गिरि से जुड़ी आपराधिक व नैतिक अनियमितताओं के सामने आने के बाद की गई है।
कोर्ट ने जताई सख्त नाराजगी
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि “ये कैसे महंत हैं जो शादीशुदा होते हुए दूसरी महिला के साथ लिव-इन में रह रहे हैं और तीसरी महिला से छेड़छाड़ के मामले में जेल में हैं।” उन्होंने मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ को अस्वीकार्य बताते हुए मंदिर परिसर में सभी संबंधित व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पर बल दिया।
तीन महिलाओं से जुड़े गंभीर आरोप
महंत रोहित गिरि पर आरोप है कि उन्होंने:
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एक महिला गीतांजलि से विवाह किया,
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दूसरी महिला रीना बिष्ट के साथ लिव-इन संबंध में रहकर जनवरी 2025 में एक बेटी को जन्म दिया,
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और तीसरी महिला से छेड़छाड़ के आरोप में पंजाब पुलिस द्वारा 14 मई 2025 को गिरफ्तार किए गए।
चढ़ावे की लूट व जबरन त्यागपत्र के आरोप
मामले में रीना बिष्ट ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए उसे सुरक्षा प्रदान करने के आदेश दिए हैं। उसने शिकायतकर्ता गीतांजलि पर आरोप लगाया कि उसने मंदिर चढ़ावे की लूट के नाम पर उसे फंसाने की धमकी दी, और मां चंडी देवी ट्रस्ट की आजीवन ट्रस्टी के पद से त्यागपत्र देने का दबाव बनाया।
डायरी से हुआ महंत के अवैध संबंधों का खुलासा
मामले में एक डायरी बरामद हुई, जिसमें रोहित गिरि की हैंडराइटिंग में रीना बिष्ट के नाम पर ₹5.50 लाख की एफडी की बात लिखी थी। पूछताछ में रोहित ने स्वीकार किया कि रीना ने उसके साथ शारीरिक संबंधों के वीडियो बना लिए थे, और वह उसे पैसे देकर ब्लैकमेलिंग से बचने की कोशिश कर रहा था।
मंदिर की पवित्रता पर सवाल
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान हरिद्वार के डीएम और एसएसपी को VC के माध्यम से उपस्थित रहने को कहा था। न्यायमूर्ति थपलियाल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मंदिर जैसे आस्था के केंद्रों में महंतों द्वारा इस प्रकार की अनैतिक गतिविधियां बेहद निंदनीय हैं, और श्रद्धालुओं की भावनाओं से किया गया यह विश्वासघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।