नई दिल्ली : सरकार ने देश में बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए और नियमों की अनदेखी के मद्देनजर टू व्हीलर चालकों के लिए सख्त ट्रेफिक नियम-कानून लागू कर दिए हैं। हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े नियमों में भी सख्ती बरती जा रही है, जिसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
हेलमेट नहीं पहना तो चालान के साथ लाइसेंस सस्पेंड
नए नियमों के तहत, अगर कोई बाइक या स्कूटी चालक बिना हेलमेट के पकड़ा जाता है, तो उसे ₹1,000 का चालान भरना होगा।
इसके साथ ही, मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 194D के अनुसार, तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड भी हो सकता है।
यह नियम न केवल चालक पर, बल्कि पीछे बैठने वाले (पिलियन राइडर) पर भी लागू है।
हाईकोर्ट के निर्देश पर यह कदम सड़क हादसों में होने वाली मौतों और गंभीर चोटों को कम करने के लिए उठाया गया है।
आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 37% सड़क हादसे टू-व्हीलर से जुड़े हैं, जिनमें ज्यादातर मौतें सिर की चोट के कारण होती हैं।
बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना पड़ेगा भारी
बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के बाइक या स्कूटी चलाना अब और भी जोखिम भरा हो गया है।
नए नियमों के तहत, बिना लाइसेंस पकड़े जाने पर ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
पहले यह जुर्माना ₹500 था, लेकिन अब सख्ती के साथ इसे बढ़ाकर 10 गुना कर दिया गया है।
इसके अलावा, बार-बार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें वाहन जब्ती तक शामिल है।
हेलमेट के लिए नए मानक
नए नियमों में हेलमेट की गुणवत्ता पर भी जोर दिया गया है। हेलमेट में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का ISI मार्क होना अनिवार्य है।
गैर-मानक हेलमेट पहनने पर भी ₹1,000 का चालान कट सकता है।
हेलमेट की मोटाई 20-25 मिमी और वजन 1.2 किलोग्राम होना चाहिए, साथ ही इसे मजबूत स्ट्रैप के साथ ठीक से बांधना जरूरी है।
टू-व्हीलर निर्माताओं को अब वाहन बिक्री के समय दो BIS प्रमाणित हेलमेट (चालक और पिलियन राइडर के लिए) देना अनिवार्य है।