रायगढ़। कोतवाली थाना क्षेत्र के पुरानी हटरी निवासी सीताराम जयसवाल (78) और उसकी बहन अन्नपूर्णा जायसवाल (68) का शव 12-13 जनवरी की दरमियानी रात उनके घर के में मिला था। मृतक सीताराम के ममेरे भाई अशोक जायसवाल की रिपोर्ट के बाद रायगढ़ पुलिस ने भाई-बहन के कत्ल की गुत्थी को सुलझाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी किशन शर्मा को आशंका थी कि अशोक जायसवाल एक बड़ी रकम उसके ममेरे भाई सीताराम के घर हटरी पर छिपा रखी है। किशन ने परिवार के शगुन डेयरी में काम करने वाले अतुल डनसेना को हत्या कर रुपये चोरी करने का प्लान बताया। घटना के तीन दिन पहले प्रेमिका दिव्या सारथी के किराये के मकान हीरापुर में तीनों ने हत्या और चोरी का प्लान बनाया। योजना के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने मास्क और ग्लव्स खरीदे और एक लोहे का सब्बल दिव्या के गृह ग्राम धनगांव (पुसौर) से लेकर आये और दिव्या के किराये के मकान पर रखा।
योजना के मुताबिक, दोनों आरोपी 12 जनवरी की रात हीरापुर किराये के मकान से मोटरसाइकिल पर सवार होकर पुरानी हटरी पहुंचे। मोटरसाइकिल को खड़ी कर मध्य रात्रि सीताराम के घर के पास पहुंचे। कोई हलचल नहीं होने पर अतुल डनसेना दीवार फांदकर अंदर गया। दरवाजा खोला तब किशन ने दरवाजे से अंदर प्रवेश किया। अंदर तीन-चार लोग जिसमें अशोक जायसवाल, सीताराम उसकी दोनों बहनें मौजूद थे। दोनों आरोपी स्टोर रूम में छुप गए।
अशोक और गीता के खाना खाकर जाने के बाद आरोपियों ने अन्नपूर्णा जायसवाल पर लोहे के सब्बल और ईंट से वार किया। अन्नपूर्णा की चीख सुनकर सीताराम बाहर निकला तो उसे भी दोनों आरोपी सब्बल, ईंट से मारपीट कर हत्या कर दी। दोनों आरोपियों ने घर में रुपये तलाश किये, नहीं मिलने पर वापस बाहर आए और दिव्या के घर पहुंचे। दिव्या को घटना बताई। इसके बाद शहर में पुलिस की हलचल देखकर 18 जनवरी को तीनों पुलिस पकड़ से बचने के लिए ट्रेन फरार हो गए थे।
पुरानी हटरी में बुजुर्ग भाई-बहन की हत्या मामले में रायगढ़ पुलिस सभी पहलुओं पर विवेचना कर रही थी। आरोपियों को पकड़ने के लिये एक टीम घटनास्थल और शहर के करीब 200 सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए घटना कारित करने वाले दो आरोपी किशन शर्मा और अतुल डनसेना की स्पष्ट पहचान की गई। आरोपियों की धरपकड़ तेज हुई तो पुलिस की गतिविधि को देखते हुए 18 दिसंबर को आरोपी किशन शर्मा अपनी मंगेतर दिव्या सारथी और आरोपी अतुल डनसेना के साथ गोंडवाना एक्सप्रेस से दिल्ली फरार हो गया था। पुलिस अधीक्षक ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सीमावर्ती जिलो और आरपीएफ को आरोपियों के फोटोग्राफ्स साझा किए, जिससे झांसी आरपीएफ ने आरोपियों को गोंडवाना एक्सप्रेस से नीचे उतारा। रायगढ़ पुलिस टीम द्वारा उन्हें बयान के लिए रायगढ़ बुलाया गया। सघन पूछताछ पर तीनों आरोपियों ने घटना की स्वीकार किया।
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के द्वारा एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला, डीएसपी साइबर सेल अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में चार अलग-अलग टीमें बनाई गई जिसमें निरीक्षक, उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई। पुलिस टीम के साथ, फॉरेंसिक टीम, साइबर सेल एवं पुलिस डॉग द्वारा घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर भौतिक साक्ष्य साक्ष्य जब्त किया गया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से रेलवे स्टेशन पार्किंग में खड़ी हत्या में प्रयुक्त मोटरसाइकिल स्प्लेंडर प्लस तथा घटना समय पहने हुए कपड़ा, मास्क, ग्लव्स और तीन मोबाइल जब्त किए गए। प्रकरण में धारा 238, 61(2),3(5) बीएनएस विस्तार कर आरोपियों को रिमांड पर भेजा गया है।