देहरादून। बिल्डर बाबा साहनी आत्महत्या के मामले में अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता के खिलाफ पुलिस को लगातार साक्ष्य मिल रहे हैं। अब अजय गुप्ता के मोबाइल से पुलिस को एक ऑडियो मिला है। बताया जा रहा है कि यह ऑडियो साहनी को धमकाने से संबंधित है। इसी धमकी के बाद ही साहनी ने पुलिस से शिकायत की थी। मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन स्क्वायड (एसआईएस) कर रही है।
उधर, मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच शुरू कर दी है। एजेंसी जल्द ही न्यायालय में शिकायत दर्ज करा सकती है। माना जा रहा है कि अटैचमेंट की कार्रवाई में साहनी के ये दो प्रोजेक्ट भी आ सकते हैं। इससे निवेशकों को भी बड़ा झटका लगने के आसार नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता गत 25 मई से आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद हैं। आरोप है कि इन्होंने साहनी के खिलाफ झूठी शिकायत सहारनपुर पुलिस को की थी। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि आरोपियों ने जिस शिकायत को 20 मई को पुलिस को दिया उसे उन्होंने नौ मई का बताया था। ऐसा उन्होंने इसलिए किया कि साहनी उनके खिलाफ पहले ही शिकायत देहरादून पुलिस को कर चुके थे।
साहनी डरे हुए थे। उन्हें बार-बार धमकाया जा रहा था। इसके लिए पुलिस ने गुप्ता के घर पर भी जांच की और कर्मचारियों से पूछताछ की। अब पुलिस को एक और सबूत मिला है। सूत्रों के अनुसार अजय गुप्ता के मोबाइल में एक रिकॉर्डिंग भी साहनी को धमकाने के संबंध में है। इस पूरी बातचीत में अजय गुप्ता ने साहनी को कई बार धमकियां दी हैं। इससे वह इतने घबरा गए कि जब पुलिस ने उनकी शिकायत पर कुछ नहीं किया तो उन्होंने आत्महत्या कर ली। पुलिस इस रिकॉर्डिंग को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भी भेजने की तैयारी कर रही है।
पुलिस ने गुप्ता की कंपनियों के निवेश की जांच की तो पता चला कि करीब 40 करोड़ रुपये से भी अधिक का निवेश इन्होंने गलत तरीके से किया था। यह उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के इरादे से किया। इसके बाद ईडी भी हरकत में आ गई। पिछले दिनों ईडी के अधिकारियों ने पुलिस कप्तान से मुलाकात कर पूरे मामले का ब्योरा जुटाया था। पुलिस की ओर से ईडी को सभी दस्तावेज सौंप दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि ईडी ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है। जल्द ही अब कोर्ट को शिकायत भी भेजी जा सकती है। माना जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग के लिए गुप्ता ने साहनी के प्रोजेक्ट में निवेश किया था। ऐसे में ईडी इन प्रोजेक्ट को भी अटैच कर सकती है। ऐसा हुआ तो आने वाले समय में निवेशकों के लिए भी बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। इसी तरह के मामले में ईडी पुष्पांजलि बिल्डर्स की संपत्तियों को अटैच कर चुकी है। ऐसे में अब निवेशकों को न तो फ्लैट मिल पा रहे हैं और न ही उनका पैसा।
इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से अब हाईकोर्ट में एफआईआर खत्म करने के लिए अर्जी दी गई है। इसके लिए हाईकोर्ट की ओर से देहरादून पुलिस से जवाब मांगा गया है। पुलिस को शुक्रवार तक जवाब दाखिल करना होगा। हाईकोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी। इधर, देहरादून जिला एवं सत्र न्यायालय में दोनों आरोपियों की जमानत पर बृहस्पतिवार को सुनवाई की जानी है।