उत्तराखंड के उत्पादों को खूब सराहा गया
इसमें उत्तराखंड के उत्पादों को खूब सराहा गया। मंत्रालय की ओर से गठित कमेटी ने उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों के उत्पादों की स्थानीय विशेषता, गुणवत्ता को परखा है। माना जा रहा है कि जल्द ही मंत्रालय सम्मेलन के लिए उत्पादों को चयनित करेगा। जी-20 सम्मेलन के लिए विदेश मंत्रालय की ओर से राज्य के स्थानीय उत्पाद मांगे गए थे। दिल्ली में उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। उत्पादों के चयन के लिए गठित कमेटी ने एक-एक वस्तु के बारे में जानकारी लेने के साथ ही उसकी गुणवत्ता को परखा है। मंत्रालय तय करेगा कि सम्मेलन के लिए कौन सा उत्पाद चाहिए। -डॉ. पंकज कुमार पांडेय, सचिव उद्योग
देहरादून। जी-20 सम्मेलन की मेजबानी इस बार भारत को मिली है। सम्मेलन में देश दुनिया से आने वाले अतिथियों का मान उत्तराखंड के उत्पाद भी बढ़ाएंगे। विदेश मंत्रालय ने राज्य के कई उत्पादों का सर्वे किया। जल्द ही मंत्रालय की ओर से उत्पादों का अंतिम चयन किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने जी-20 सम्मेलन के लिए सभी राज्यों से विशेष स्थानीय उत्पादों की सूची मांगी थी। दिल्ली में राज्यों की ओर से अपने उत्पादों को प्रस्तुत किया गया। उत्पादों के चयन के लिए प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में कमेटी भी गठित की गई है, जिसने प्रस्तुत उत्पादों का सर्वे किया।
उत्तराखंड की ओर से केदारनाथ, बदरीनाथ मंदिर, लक्ष्मण झूला ऋषिकेश, घंटाघर देहरादून का प्रतीकात्मक कलाकृति के अलावा नैनीताल का ऐपण, जैविक उत्पाद में उत्तरकाशी का लाल चावल, शहद, अल्मोड़ा की बाल मिठाई, चंपावत का शहद, बागेश्वर की तांबे से बनीं गागर व अन्य उत्पाद, नेटल फाइबर (कंडाली) से बनी जैकेट, ब्रह्म कमल निशान की पहाड़ी टोपी, पिथौरागढ़ जिले के ऊनी शॉल, मफलर, ऊधमसिंह नगर जिले मूंझ घास से बने उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।