
कर्णप्रयाग (चमोली) | किसान दिवस के अवसर पर चमोली जनपद के गौचर में राज्यस्तरीय कृषि मेले का भव्य शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विशेष रूप से मेले में पहुंचे और कई घंटों तक किसानों के बीच रहकर उनसे संवाद किया।
राज्यस्तरीय कृषि मेले में पहाड़ी क्षेत्रों की कृषि परंपराओं और आधुनिक तकनीकों का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। मेले में पहाड़ी उत्पादों के स्टॉल लगाए गए हैं, जहां स्थानीय किसानों द्वारा उत्पादित अनाज, दालें, फल, सब्जियां और पारंपरिक खाद्य पदार्थ प्रदर्शित किए गए हैं। इसके साथ ही खेती-किसानी में उपयोग होने वाले आधुनिक कृषि उपकरणों की भी प्रदर्शनी लगाई गई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेले का भ्रमण करते हुए पारंपरिक कृषि गतिविधियों में भी भाग लिया। उन्होंने चक्की चलाकर अनाज पीसा और दूध बिलोकर ग्रामीण जीवनशैली और किसानों की मेहनत को नजदीक से अनुभव किया। इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याएं सुनीं और केंद्र सरकार की विभिन्न कृषि योजनाओं की जानकारी भी दी।
मेले के मैदान में पहाड़ की सीढ़ीनुमा खेती, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन के जीवंत मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं। एक ओर जहां बदरी गाय के माध्यम से पहाड़ी पशुपालन को दर्शाया गया है, वहीं दूसरी ओर ट्राउट मछली पालन, कीवी उत्पादन और अन्य नवाचारों के मॉडल भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इस तरह के मेलों से किसानों को नई जानकारी मिलती है और उनके उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने का अवसर भी मिलता है।
राज्यस्तरीय कृषि मेला किसानों, कृषि विशेषज्ञों और आम जनता के लिए ज्ञान, नवाचार और परंपरा का एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है।




