
गोरखपुर। डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों का एक और गंभीर मामला गोरखपुर से सामने आया है, जहां शेयर बाजार में अधिक मुनाफे का लालच देकर साइबर ठगों ने एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी से एक करोड़ चार लाख अट्ठावन हजार रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
गायत्रीनगर निवासी जितेंद्र बहादुर सिंह, जो बैंक ऑफ इंडिया से चीफ मैनेजर पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, ने साइबर थाने में दी गई तहरीर में बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से “सी-307 फायर नेस्ट ग्रुप” नामक एक ग्रुप से संदेश प्राप्त हुआ। ग्रुप में दावा किया गया था कि डीएमए (डायरेक्ट मार्केट एक्सेस) खाते के जरिए आईपीओ और शेयर बाजार में निवेश करने पर कम ब्रोकरेज में अधिक लाभ मिलेगा और विशेषज्ञों द्वारा यह सलाह दी जाएगी कि कब शेयर खरीदना और कब बेचना है।
पीड़ित के अनुसार, ग्रुप में दिए गए लिंक पर क्लिक करने के बाद उन्होंने एक मोबाइल एप डाउनलोड किया। इसके कुछ ही समय बाद एक महिला के लगातार कॉल और मैसेज आने लगे। कॉल करने वाली महिला ने खुद को ‘फायर एप’ की सहायक बताते हुए अपना नाम नैना वर्मा बताया और भरोसा दिलाया कि निवेश पूरी तरह सुरक्षित है।
महिला ने आईपीओ और शेयर खरीदने के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में धनराशि जमा कराने को कहा। 31 अक्तूबर 2025 से 22 दिसंबर 2025 के बीच पीड़ित ने बैंक ऑफ इंडिया स्थित अपने खाते से आरटीजीएस के माध्यम से कुल 1,04,58,000 रुपये विभिन्न कंपनियों और फर्मों के नाम पर ट्रांसफर कर दिए। यह रकम बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खातों में भेजी गई।
पीड़ित ने बताया कि जब उन्होंने निवेश की गई राशि वापस निकालने का प्रयास किया तो ठगों ने यह कहकर मना कर दिया कि उनका खाता फ्रीज हो गया है और धनराशि निकालने के लिए 30 लाख रुपये अतिरिक्त ब्रोकरेज के रूप में जमा करने होंगे। इसी दौरान उन्हें ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने तत्काल ऑनलाइन साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई और साइबर थाने में लिखित तहरीर दी।
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि ठगों ने उनकी जीवनभर की जमा पूंजी हड़प ली है, जिससे वे मानसिक रूप से बेहद आहत हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर संदिग्ध बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और डिजिटल ट्रांजेक्शन की जांच शुरू कर दी है।
एसपी क्राइम सुधीर जायसवाल ने बताया कि लोगों को शेयर बाजार और निवेश से जुड़े किसी भी अनजान व्हाट्सएप ग्रुप, लिंक या मोबाइल एप से सावधान रहना चाहिए। किसी के कहने पर बिना सत्यापन के धनराशि ट्रांसफर करना बेहद खतरनाक हो सकता है। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस आमजन से लगातार सतर्क रहने की अपील कर रही है।
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि डिजिटल दुनिया में लालच और भरोसे का गलत इस्तेमाल कर साइबर अपराधी किस तरह लोगों की मेहनत की कमाई को निशाना बना रहे हैं। विशेष रूप से बुजुर्ग और रिटायर्ड लोग ऐसे अपराधियों के आसान शिकार बनते जा रहे हैं, जिससे समाज में डिजिटल जागरूकता की आवश्यकता और अधिक बढ़ गई है।






