
चमोली: जिले के पोखरी क्षेत्र में भालुओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका खामियाजा अब स्कूली बच्चों को भी भुगतना पड़ रहा है। शनिवार सुबह जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर में कक्षा सात में पढ़ने वाले छात्र देवेश पर उस समय भालू के बच्चे ने हमला कर दिया, जब वह अपने गांव से स्कूल जा रहा था। अचानक हुई इस घटना से इलाके में दहशत फैल गई, हालांकि छात्र के साथ मौजूद उसके दोस्त की बहादुरी से बड़ा हादसा टल गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार देवेश अपने गांव के कक्षा छह के छात्र पकेश के साथ रोज की तरह स्कूल की ओर जा रहा था। रास्ते में झाड़ियों के बीच अचानक भालू का बच्चा निकला और उसने देवेश का पैर पकड़कर नाखून मार दिए। अचानक हुए हमले से देवेश घबरा गया, लेकिन उसके साथ चल रहे पकेश ने साहस दिखाते हुए बिना देर किए भालू के बच्चे पर पत्थर फेंके और जोर-जोर से शोर मचाया। शोर और प्रतिरोध से घबराकर भालू का बच्चा जंगल की ओर भाग गया, जिससे देवेश की जान बच सकी।
घटना की सूचना मिलते ही स्कूल के अध्यापक मनबर रावत ने वन विभाग को जानकारी दी। इसके बाद घायल छात्र देवेश को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसका प्राथमिक उपचार किया। उप वन क्षेत्राधिकारी बीरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि छात्र के पैर पर भालू के बच्चे के नाखूनों के हल्के निशान हैं, लेकिन कोई गंभीर चोट नहीं आई है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. प्रियम गुप्ता के अनुसार प्राथमिक उपचार के बाद छात्र की हालत सामान्य है और उसे घर भेज दिया गया है।
घटना के बाद वन विभाग ने क्षेत्र में सतर्कता बढ़ाते हुए गश्त तेज कर दी है और ग्रामीणों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है। वहीं, इस घटना के बाद से पूरे इलाके में भय का माहौल है और अभिभावकों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। ग्रामीणों ने वन विभाग से भालुओं की बढ़ती आवाजाही पर प्रभावी नियंत्रण की मांग की है।




