
देहरादून। दून एयरपोर्ट पर उड़ानों का संकट लगातार गहराता जा रहा है। रविवार को भी विभिन्न विमानन कंपनियों की कुल 11 उड़ानें ही एयरपोर्ट पहुंच सकीं, जबकि अकेले इंडिगो की सात उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। उड़ानों के इस बड़े स्तर पर प्रभावित होने से यात्रियों, खासकर छुट्टियों में घर लौटने वाले छात्रों और नए वर्ष का जश्न मनाने आने वाले पर्यटकों के बीच भारी असमंजस की स्थिति बन गई है।
एयरपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को दून एयरपोर्ट से कुल 2777 यात्रियों की आवाजाही दर्ज की गई। पहुंचने वाली 11 उड़ानों में इंडिगो की छह, एयर इंडिया की चार और एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक उड़ान शामिल थी। इनसे 1338 यात्री देहरादून पहुंचे, जबकि 1439 यात्री एयरपोर्ट से विभिन्न शहरों को रवाना हुए। लेकिन यात्रियों की यह आवाजाही भी उन फ्लाइटों के इंतज़ार और रद्द होने की अनिश्चितता के बीच ही संभव हो पाई।
इंडिगो की कुल 13 निर्धारित उड़ानों में से केवल छह ही पहुंच सकीं। बाकी सात उड़ानों के रद्द होने ने यात्रियों को परेशान कर दिया। कई यात्रियों ने शिकायत की कि ऑनलाइन स्टेटस भी स्पष्ट नहीं दिख रहा, जिससे उन्हें एयरपोर्ट आने या न आने का निर्णय लेना मुश्किल हो रहा है। टैक्सी चालक भी इसी अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। पूर्व टैक्सी यूनियन अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भारती के अनुसार, पहले प्रतिदिन 150 से 200 टैक्सियां एयरपोर्ट से चलती थीं, लेकिन अब उड़ानों के प्रभावित होने से यह संख्या घटकर 50 तक रह गई है। इससे टैक्सी चालकों की रोजी-रोटी पर सीधा असर पड़ा है।
उड़ानों की अनिश्चितता का असर आम परिवारों पर भी पड़ रहा है। अठूरवाला निवासी गजेंद्र रावत ने बताया कि उनका बेटा हैदराबाद में पढ़ाई करता है और 16 दिसंबर की उसकी वापसी इंडिगो की फ्लाइट से होनी है। लगातार उड़ानों के रद्द होने से वे अब ट्रेन टिकट लेने पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि ऑनलाइन फ्लाइट स्टेटस बेहद अस्पष्ट दिखाई दे रहा है। उनके बेटे के साथ छह अन्य छात्र भी उसी उड़ान से लौटने वाले हैं, जिससे पूरे समूह पर असर पड़ सकता है।
दूसरी ओर, दिसंबर के आखिरी हफ्ते में मसूरी, टिहरी और आसपास के पर्यटन स्थलों में नए वर्ष का जश्न मनाने के लिए देशभर से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इनमें कई फिल्मी सितारे, खिलाड़ी, उद्योगपति और अन्य हाई-प्रोफाइल लोग भी शामिल होते हैं। लेकिन यदि उड़ानों का संकट इसी तरह बना रहा, तो पर्यटकों की संख्या में गिरावट आ सकती है, जिसका सीधा असर राज्य के पर्यटन उद्योग और उससे जुड़े व्यवसायों पर पड़ेगा।
दून एयरपोर्ट का यह संकट लगातार बढ़ता दिख रहा है और एयरलाइंस की ओर से इसके कारणों को लेकर अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है। यात्रियों में असमंजस बना है और टैक्सी संचालकों से लेकर पर्यटन कारोबारियों तक सभी इस अनिश्चितता से प्रभावित हो रहे हैं।




