
देहरादून। उत्तराखंड में पिछले दो महीनों से जारी शुष्क मौसम के कारण प्रदेश भर में सूखी ठंड लोगों को परेशान कर रही है, लेकिन मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार चार दिसंबर से मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। लगातार बारिश और बर्फबारी न होने के कारण दिन और रात के तापमान में असामान्य अंतर बना हुआ है, जिससे भले ही दिन में हल्की गर्माहट महसूस हो रही हो, लेकिन रात के समय ठिठुरन बढ़ती जा रही है। मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो सोमवार को देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम होकर 7.8 डिग्री पर दर्ज हुआ। इसके उलट नई टिहरी में दिन का तापमान सामान्य से दो डिग्री बढ़कर 20.6 डिग्री रहा और रात का तापमान सामान्य से पांच डिग्री इजाफे के साथ 9.3 डिग्री पर रिकॉर्ड किया गया, जो इस मौसम के हिसाब से काफी ऊंचा माना जा रहा है।
मुक्तेश्वर में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली, जहां दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 21.3 दर्ज किया गया और रात का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से पांच डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 9.3 डिग्री पर रहा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अक्टूबर से प्रदेश भर में लगातार अच्छी धूप खिलने के कारण दिन के तापमान में गर्माहट बनी हुई है और अब इसका असर रात के न्यूनतम तापमान पर भी पड़ रहा है। अनुमान के अनुसार तीन दिसंबर तक पूरे राज्य में मौसम शुष्क ही रहेगा और तापमान में यह असामान्य उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।
प्रदेशवासियों के लिए राहत की बात यह है कि मौसम विभाग ने चार दिसंबर से मौसम का रुख बदलने की संभावना जताई है। लंबे समय से बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे पर्वतीय जिलों को इस अवधि में हल्की वर्षा और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की उम्मीद है। पूर्वानुमान के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने के आसार हैं, जबकि 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ के फाहे गिरने की संभावना प्रबल है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि यह बदलाव सात दिसंबर तक जारी रह सकता है, जिससे तापमान में भी गिरावट दर्ज होने और सूखी ठंड में कुछ बदलाव आने की उम्मीद है।
प्रदेश भर में कई दिनों से बारिश न होने के कारण वातावरण में नमी की कमी बनी हुई है और इस वजह से लोग सुबह-शाम की कड़ाके की ठंड से परेशान हो रहे हैं। मौसम का यह बदलाव न केवल किसानों बल्कि आम लोगों के लिए भी राहत लेकर आ सकता है, क्योंकि लगातार शुष्क मौसम से फसलों और जंगलों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए चार से सात दिसंबर तक का समय मौसम परिवर्तन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है और प्रदेशवासी बर्फबारी व बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।




