
देहरादून। उत्तराखंड की चर्चित पेपर लीक प्रकरण में सीबीआई ने जांच की गति तेज कर दी है और अब जांच एजेंसी इस मामले को जल्द से जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने के मूड में दिखाई दे रही है। सोमवार को सीबीआई ने बेरोजगार संघ के नेता बॉबी पंवार से करीब नौ घंटे तक विस्तृत पूछताछ की, जिसमें उनसे मुख्य आरोपी सुमन चौहान से संबंधों, पुराने संपर्कों, परीक्षा से जुड़े संभावित नेटवर्क और उन जानकारियों के बारे में सवाल किए गए जिनके आधार पर लीक की पूरी श्रृंखला का खुलासा हो सकता है। यह पूछताछ इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि सीबीआई इस समय मुख्य रूप से 21 सितंबर को आयोजित हुई परीक्षा के उसी सेंटर पर फोकस कर रही है जहां से लीक की शुरुआती जानकारी सामने आई थी। इसी कारण पहले सुमन चौहान की गिरफ्तारी हुई और फिर तीन दिन बाद बॉबी पंवार को भी नोटिस देकर बुलाया गया।
सरकार की ओर से परीक्षा को रद्द किए जाने के बाद प्रदेशभर के लाखों अभ्यर्थियों में भारी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। छात्रों की मांग है कि रद्द की गई परीक्षा को तीन महीने के भीतर दोबारा कराया जाए, लेकिन परीक्षा को हुए अब दो महीने से अधिक गुजरने के बाद सीबीआई की औपचारिक जांच शुरू हुई है, जिससे युवाओं के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल और गहरा गए हैं। इसी वजह से आयोग भी इस परीक्षा को दोबारा कराने की दिशा में अभी कदम नहीं बढ़ा रहा है क्योंकि वह सीबीआई की रिपोर्ट आने तक इंतजार करने के पक्ष में है। सरकार पर यह दबाव है कि युवाओं का समय और भर्ती प्रक्रिया दोनों ही बर्बाद न हों, इसलिए वह चाहती है कि जांच तेजी से पूरी हो ताकि परीक्षा को पुनः आयोजित किए जाने या रिजल्ट जारी करने पर ठोस निर्णय लिया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, यदि सीबीआई की जांच में यह स्पष्ट हो जाता है कि पेपर लीक केवल एक सेंटर तक सीमित था और बाकी परीक्षा केंद्रों पर किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई, तो आयोग अन्य सभी सेंटरों के रिजल्ट जारी कर सकता है। इससे परीक्षा की शुचिता भी बनी रहेगी और बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा देने की मजबूरी से राहत मिल सकती है। ऐसे में केवल उस विशेष सेंटर के उम्मीदवारों के लिए ही पुनर्परीक्षा कराई जा सकती है, जिससे प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और समयबद्ध रह सके। फिलहाल जांच केवल बहादरपुर जट स्थित परीक्षा केंद्र तक सीमित बताई जा रही है और बॉबी पंवार से भी इसी केंद्र से जुड़े प्रश्न पूछे गए हैं। अन्य किसी केंद्र का मामला अब तक सीबीआई के दायरे में सामने नहीं आया है।
इस बीच, यह संभावना भी जताई जा रही है कि सीबीआई जिले की पुलिस द्वारा परीक्षा से एक दिन पहले गिरफ्तार किए गए हाकम सिंह और उसके साथी की भूमिका की भी जांच कर सकती है। हाकम सिंह पर आरोप था कि वह परीक्षा में गड़बड़ी करा सकता है, इसलिए पुलिस ने एहतियातन कार्रवाई की थी। बॉबी पंवार ने भी अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में सीबीआई से इस एंगल की जांच की मांग की है, जिसके बाद यह मुद्दा जांच एजेंसी के लिए और अधिक अहम हो गया है।
राज्य में पेपर लीक और भर्ती घोटालों को लेकर पहले से ही संवेदनशील माहौल बना हुआ है, और ऐसे में इस मामले का तेजी से और पारदर्शी निष्पादन सरकार, आयोग और अभ्यर्थियों तीनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। सीबीआई की गति और अब तक की कार्रवाई से संकेत मिलते हैं कि जांच अगले कुछ हफ्तों में निर्णायक मोड़ ले सकती है, जिसके बाद ही परीक्षा, रिजल्ट और पुनर्परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।




