
नई दिल्ली। सोमवार शाम दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए जोरदार धमाके ने पूरे देश को दहला दिया। सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल के पास एक हुंडई आई-20 कार में हुए विस्फोट से आग की लपटें उठीं और आसपास खड़ी कई गाड़ियां जलकर खाक हो गईं। इस हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 24 से अधिक लोग घायल हैं। मौके पर पहुंची दिल्ली पुलिस, एनआईए और एनएसजी की टीमें जांच में जुट गई हैं। घटना के बाद दिल्ली-एनसीआर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
धमाका शाम करीब सात बजे हुआ जब इलाके में ट्रैफिक सामान्य रूप से चल रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहले कार से धुआं उठा और कुछ ही सेकंड में जोरदार विस्फोट हुआ। धमाके की गूंज पुरानी दिल्ली से लेकर दरियागंज तक सुनाई दी। चारों ओर अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए भागने लगे। दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने में दो घंटे से अधिक का समय लगा।
घटना में घायल लोगों को तत्काल लोकनायक अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि कुछ लोग मौके पर ही मृत पाए गए जबकि कई की हालत गंभीर बनी हुई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया। मुख्यमंत्री ने इस दर्दनाक घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों की हर संभव सहायता करेगी। उन्होंने जनता से अफवाहों से बचने और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा रखने की अपील की।
धमाके में इस्तेमाल की गई कार का रजिस्ट्रेशन नंबर एचआर-26-सीई-7674 है। पुलिस जांच में पता चला कि यह गाड़ी गुरुग्राम निवासी सलमान के नाम पर पंजीकृत थी। सलमान को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उसने बताया कि उसने यह कार दिल्ली के ओखला निवासी देवेंद्र को बेच दी थी, जिसने आगे इसे अंबाला में किसी तीसरे व्यक्ति को दिया। वहीं से कार पुलवामा निवासी तारिक तक पहुंची। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कड़ी 2019 के पुलवामा हमले जैसी साजिश की ओर इशारा कर रही है, जिसमें इसी तरह वाहन में विस्फोटक भरकर हमला किया गया था।
दिल्ली पुलिस ने इस पूरे मामले में कोतवाली थाना क्षेत्र में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 16 और 18, विस्फोटक अधिनियम, तथा भारतीय दंड संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामले की जांच कई एजेंसियों के सहयोग से आगे बढ़ाई जा रही है। एफएसएल की टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। एफएसएल अधिकारी मोहम्मद वाहिद ने कहा कि “सैंपल प्रयोगशाला में भेजे गए हैं, और जांच के बाद ही पुष्टि होगी कि विस्फोट में कौन-सा विस्फोटक इस्तेमाल किया गया।”
गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि “विस्फोट के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से पड़ताल की जा रही है और किसी भी संभावना को नकारा नहीं जाएगा।” उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त और स्पेशल ब्रांच प्रमुख को मौके पर जाकर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शाह ने यह भी कहा कि वह स्वयं घटनास्थल और अस्पताल दोनों जगह जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “दिल्ली में हुए इस विस्फोट में जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। प्रभावित लोगों की सहायता के लिए अधिकारी हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और देश के कई अन्य नेताओं ने भी घटना पर दुख जताया है। पटनायक ने कहा कि “लाल किले के पास हुए इस विस्फोट में इतने निर्दोष लोगों की जान जाना अत्यंत पीड़ादायक है। मेरी प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।”
इस बीच, पुलिस ने अब तक विस्फोट में घायल और मृत पाए गए लोगों की पहचान की सूची जारी की है। इसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल और हरियाणा के नागरिक शामिल हैं। कई शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति लापता है तो तत्काल कोतवाली थाना या पुलिस हेल्पलाइन से संपर्क करे।
जांच एजेंसियों ने घटना स्थल के आसपास के इलाके को पूरी तरह सील कर दिया है और एनएसजी कमांडो, एफएसएल विशेषज्ञ तथा दिल्ली स्पेशल सेल की टीमें लगातार जांच में लगी हैं। अब तक मिले प्रारंभिक संकेत यह दर्शाते हैं कि कार के भीतर रिमोट कंट्रोल या टाइमर आधारित विस्फोटक डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
लाल किले के पास हुआ यह धमाका न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा सुरक्षा सवाल खड़ा करता है। देश के सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक में इस तरह का विस्फोट होना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह मामला केवल एक आपराधिक कृत्य नहीं बल्कि आतंकी साजिश की ओर भी इशारा करता है। फिलहाल दिल्ली पुलिस, एनआईए, एनएसजी और एफएसएल की टीमें मिलकर इस पूरे मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। जांच जारी है और सरकार ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।







