
चमोली/रुद्रप्रयाग। पहाड़ी जिलों चमोली और रुद्रप्रयाग में भालू का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते दो दिनों में भालू ने तीन लोगों पर हमला कर घायल कर दिया है, जिनमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। जंगलों में घास और लकड़ी लेने जाने वाले लोगों में भय का माहौल है, वहीं स्थानीय ग्रामीण सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
पहली घटना चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र की है। सीक गांव निवासी मोहन सिंह (48) अपने साथियों के साथ जंगल में बकरियां चराने गया था। इसी दौरान झाड़ियों में छिपे एक भालू ने अचानक उस पर हमला कर दिया। हमले से मोहन गंभीर रूप से घायल हो गया। साथ मौजूद ग्रामीणों ने शोर मचाया तो भालू वापस जंगल की ओर भाग गया। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए मोहन को तुरंत सीएचसी नंदानगर पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बेस अस्पताल श्रीकोट (श्रीनगर) रेफर कर दिया गया। स्थानीय लोगों ने प्रभावित परिवार को तत्काल मुआवजा देने और क्षेत्र में वन विभाग की गश्त बढ़ाने की मांग उठाई है।
दूसरी घटना नगर पंचायत पोखरी के अंतर्गत गुनियाला गांव में हुई। गांव की निवासी रुचि देवी (35) अन्य महिलाओं के साथ सुबह घास काटने के लिए धमतोली के जंगल गई थी। घास काटते समय झाड़ी में छिपे भालू ने उस पर हमला कर दिया और उसके सिर व पेट पर गहरे घाव कर दिए। साथ मौजूद महिलाओं के शोर और मदद की पुकार सुनकर भालू भाग निकला। ग्रामीणों ने रुचि देवी को 108 एंबुलेंस की सहायता से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी पहुंचाया। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. प्रियम गुप्ता के अनुसार, उपचार के बाद महिला की स्थिति स्थिर होने पर उसे घर भेज दिया गया।
इसी प्रकार रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि क्षेत्र के बनियाड़ी गांव में भी भालू ने रविवार को हमला किया। गांव की मीना देवी (52) घास लेने जंगल गई थीं। अचानक हुए हमले में वह बुरी तरह घायल हो गईं। हमला देखकर उनके साथ मौजूद लक्ष्मी देवी (53) डर से बेहोश होकर गिर पड़ीं। दोनों को ग्रामीणों ने तत्काल अगस्त्यमुनि सीएचसी पहुंचाया। डॉक्टरों के अनुसार, मीना की स्थिति चिंताजनक है और उनका उपचार चल रहा है, जबकि लक्ष्मी का रक्तचाप बढ़ने से वे बेहोश हुई थीं और अब स्थिति सामान्य है।
घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग सक्रिय हो गया है। वन क्षेत्राधिकारी हरिशंकर रावत ने बताया कि घटनास्थल का मुआयना किया जा चुका है और भालू की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इलाके में कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। साथ ही ग्रामीणों को सावधान रहने की सलाह दी गई है और सुबह-शाम क्षेत्र में विशेष गश्त टीम भेजी जा रही है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
लगातार हो रहे हमलों से ग्रामीणों में भय व्याप्त है। लोग जंगलों में जाने से डर रहे हैं और प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं, ताकि रोजमर्रा का कामकाज प्रभावित न हो और जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।







