
बुग्गावाला (हरिद्वार)। इन दिनों दिल्ली और हरियाणा की ओर जाने वाले राहगीरों के लिए गूगल मैप सहारा नहीं, बल्कि सिरदर्द साबित हो रहा है। नेविगेशन ऐप गलत दिशा दिखा रहा है, जिससे वाहन चालक गांवों की तंग गलियों और कच्चे रास्तों में भटक रहे हैं। रात के अंधेरे में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, जब यात्रियों को स्थानीय ग्रामीणों से रास्ता पूछना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार, बिहारीगढ़ से रोशनाबाद मार्ग की ओर बढ़ते समय गूगल मैप यात्रियों को सीधे खेड़ी और शिवखोपुर गांवों की तरफ मोड़ देता है। इस कारण कई वाहन गांवों की गलियों और खेतों के बीच फंस जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से यह समस्या बनी हुई है। तेलपुरा गांव और आसपास के इलाके में स्थानीय लोग रोजाना कई भटके हुए यात्रियों को सही रास्ता बताने का काम कर रहे हैं।
देहरादून से पानीपत की ओर जा रहे रिंकू कुमार और प्रवीण कुमार ने बताया कि जब उनका नेविगेशन गांव की दिशा में मुड़ गया, तो उन्होंने तेलपुरा में स्थानीय लोगों से रास्ता पूछा। ग्रामीणों ने उन्हें नेशनल हाईवे का सही मार्ग बताया और गांव से वापस भेजा। ग्रामवासियों का कहना है कि दिन में तो लोग पूछकर निकल जाते हैं, लेकिन रात के समय कई वाहन गलियों में फंस जाते हैं जिससे यातायात भी प्रभावित होता है।
गांव के विकास सैनी, योगेश सैनी, अरुण चौहान, अमित चौहान, पंकज सैनी, रोहित कुमार, इनाम अली और सुनील चौहान सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि वे बीते कई दिनों से ऐसे भटके हुए यात्रियों की मदद कर रहे हैं। वे उन्हें गांव से बाहर निकालकर सही दिशा दिखाते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन और गूगल मैप प्रबंधन से मांग की है कि रूट को अपडेट कर सही दिशा निर्धारित की जाए, ताकि यात्रियों को परेशानी से राहत मिल सके।
फिलहाल, इलाके के ग्रामीण ही भटके हुए राहगीरों के गाइड बनकर उन्हें सुरक्षित रास्ते की ओर भेज रहे हैं, जबकि डिजिटल नेविगेशन की सटीकता पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।




