
देहरादून | “प्रयास करो, जोखिम उठाओ…” — इसी सोच को साकार करने के लिए आईआईएम काशीपुर के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (FIED) ने आईटी मंत्रालय के जेनेसिस EIR सपोर्ट प्रोग्राम के तहत आवेदन आमंत्रित किए हैं। चयनित स्टार्टअप्स को 10 लाख रुपये तक का अनुदान (ग्रांट) दिया जाएगा।
आईआईएम काशीपुर के डॉ. सफल बत्रा ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नवाचार (Innovation) और उद्यमिता (Entrepreneurship) की दिशा में प्रोत्साहित करना है।
इस योजना में विशेष रूप से निम्न क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है—
- इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग
- डीपटेक सॉफ्टवेयर और प्रोडक्ट डेवलपमेंट
- आईसीटी (ICT) आधारित इनोवेशन
पिछले वर्ष इस कार्यक्रम के अंतर्गत 75 स्टार्टअप्स को ग्रांट मिली थी, जिससे 3000 से अधिक रोजगार सृजित हुए। आवेदन fied.iimkashipur.ac.in के माध्यम से किया जा सकता है। यह पहल विशेष रूप से टियर-2 और टियर-3 शहरों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।
कौन कर सकता है आवेदन
- ऐसे फुल-टाइम यूजी या पीजी छात्र या DPIIT से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप संस्थापक, जिनका स्टार्टअप दो वर्ष से अधिक पुराना न हो।
- आवेदक को आइडिएशन, प्रोटोटाइपिंग या प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के चरण पर कार्यरत होना चाहिए।
- जिन्होंने 10 लाख रुपये से अधिक की बाहरी फंडिंग (सरकारी ग्रांट सहित) प्राप्त न की हो।
- जिनका आइडिया मौलिक (Original) हो और किसी मौजूदा उत्पाद या सेवा की नकल न हो।
‘ऐसा प्रोडक्ट बनाओ जो लाखों लोगों को टच करे…’
देहरादून में आयोजित एआई इंपेक्ट समिट में आईआईटी रुड़की टाइड्स के डॉ. आजम अली ने कहा,
“अगर आप ऐसा प्रोडक्ट बनाते हैं जो लाखों लोगों की जिंदगी को छू सके, तो निवेशक आपको खुद ढूंढ लेंगे।”
उन्होंने बताया कि आईआईटी रुड़की में वर्तमान में 270 से अधिक स्टार्टअप्स को सपोर्ट किया जा रहा है। संस्थान एआई फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट, एआई इन हेल्थकेयर, एआई इन गवर्नेंस जैसे विषयों पर स्टार्टअप्स को सहयोग देगा — खासकर कुंभ 2027 जैसे बड़े आयोजनों में क्राउड मैनेजमेंट और हेल्थकेयर क्षेत्र में।
डॉ. आजम अली ने युवाओं से अपील की कि वे विदेशी विचारों की नकल करने के बजाय स्थानीय जरूरतों पर आधारित समाधान विकसित करें, ताकि सरकार, यातायात और किसानों के लिए एआई तकनीक को सार्थक दिशा मिल सके।




