
देहरादून | हरिद्वार कुंभ 2027 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा। भीड़ बढ़ते ही प्रशासन के पास सीधे अलर्ट पहुंच जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, कुंभ क्षेत्र में आईओटी आधारित भीड़ घनत्व सेंसर (Crowd Density Sensors) लगाए जाएंगे, जो भीड़ की स्थिति पर रियल टाइम मॉनिटरिंग करेंगे। इसके अलावा, संवेदनशील लोकेशन की जियो फेंसिंग की जाएगी, जिससे सैटेलाइट के जरिए किसी भी असामान्य हलचल या भीड़ वृद्धि की जानकारी तुरंत मिल सकेगी।
भीड़ पर निगरानी के लिए तकनीकी व्यवस्था
पिछले कुंभों की तुलना में इस बार भीड़ प्रबंधन के लिए एआई संचालित सिस्टम और हीटमैप आधारित क्राउड फ्लो डैशबोर्ड तैयार किया जाएगा। इस डैशबोर्ड से हर समय यह पता चलेगा कि किस क्षेत्र में कितनी भीड़ है और उसका रुख किस दिशा में जा रहा है।
आईटी विभाग की ओर से कुंभ क्षेत्र में ईवी चार्जिंग लोकेटर, सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (SOC) और डिजिटल मॉनिटरिंग यूनिट भी स्थापित की जाएगी।
भीड़ का अनुमान
2010 के कुंभ में 3.11 करोड़ श्रद्धालु, 2016 के अर्द्धकुंभ में 72 लाख, और कोविड काल के बावजूद 2021 के कुंभ में 66.25 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। इस बार मुख्य स्नानों पर 1.5 से 2 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जबकि पूरे कुंभ अवधि में 17 से 21 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।
डिजिटल कुंभ की दिशा में कदम
आईटी सचिव नितेश झा ने बताया कि कुंभ 2027 को एक “डिजिटल कुंभ” के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां व्यवस्थाओं में एआई, आईओटी और जियो फेंसिंग जैसी तकनीकों का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।
इन तकनीकों से प्रशासन को भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रबंधन में तत्काल व प्रभावी निर्णय लेने में मदद मिलेगी, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सहज अनुभव मिल सके।




