
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में बड़ी राजनीतिक हलचल देखने को मिली है। कांग्रेस ने औपचारिक रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है। इस घोषणा के साथ विपक्षी गठबंधन की दिशा स्पष्ट हो गई है, हालांकि सीट बंटवारे को लेकर अब भी गठबंधन के भीतर मतभेद बने हुए हैं।
कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। सीटों के बंटवारे पर बातचीत जारी है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। हमारा लक्ष्य भाजपा-जद(यू) गठबंधन के खिलाफ एकजुट होकर मजबूत मोर्चा बनाना है।”
कांग्रेस और सहयोगी दलों की एकजुटता का संदेश
कांग्रेस के साथ-साथ कटिहार से सांसद तारिक अनवर ने भी तेजस्वी यादव के नाम पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार को घोषित करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए और विपक्ष को एकजुट होकर जनता के सामने स्पष्ट विकल्प पेश करना चाहिए।
अनवर ने कहा, “महागठबंधन और एनडीए दोनों को अपने-अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवारों की घोषणा कर देनी चाहिए। विपक्ष में इस पर सहमति बन चुकी है कि तेजस्वी यादव ही हमारा चेहरा होंगे।”
दूसरी ओर, एनडीए की ओर से यह साफ किया गया है कि नीतीश कुमार ही उनके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहेंगे। भाजपा और जद(यू) ने इस विषय पर कोई बदलाव न करने का संकेत दिया है।
सीट बंटवारे में उलझा महागठबंधन
मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा से भले ही विपक्ष की दिशा तय हो गई हो, लेकिन सीट बंटवारे पर अभी भी असहमति बनी हुई है। कांग्रेस ने गुरुवार देर रात अपनी पहली सूची में 48 उम्मीदवारों के नाम जारी किए, जिससे यह संकेत मिला कि पार्टी अपने दम पर तैयारी कर रही है। हालांकि सहयोगी दलों में इस वितरण को लेकर मतभेद उभर आए हैं।
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने प्रस्तावित फॉर्मूले पर असंतोष जताया है। इस पर तारिक अनवर ने कहा, “वह नाराज़ हैं। हमें मानना होगा कि यह देरी हमारी गलती भी है। हमें पहले ही सीटों का बंटवारा तय कर लेना चाहिए था ताकि असमंजस न रहे।”
एनडीए ने तय किया अपना फॉर्मूला
वहीं, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने सीट बंटवारे को लेकर स्पष्टता दिखाते हुए अपना फॉर्मूला तय कर लिया है।
- भाजपा और जद(यू) 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
- हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को 6-6 सीटें मिली हैं।
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें दी गई हैं।
राजनीतिक समीकरणों में तेजी
महागठबंधन के भीतर तेजस्वी यादव को चेहरा घोषित करना विपक्ष की एकता का प्रतीक तो है, लेकिन सीट बंटवारे पर चल रही खींचतान इस एकता की परीक्षा ले सकती है। वहीं, एनडीए के भीतर सीटों पर सहमति बनने से सत्ता पक्ष संगठित रूप में चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में सीट बंटवारे पर सहमति बन जाती है तो तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्ष बिहार की सियासत में मजबूत चुनौती पेश कर सकता है। लेकिन अगर मतभेद गहराए, तो यह महागठबंधन के लिए चुनाव से पहले बड़ा झटका साबित हो सकता है।







