
देहरादून। उत्तराखंड की बहुउद्देशीय सहकारी समितियों से जुड़ी एक बड़ी कानूनी जटिलता आखिरकार खत्म हो गई है। राज्य की 672 सहकारी समितियों के 5893 निर्वाचित सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने इन सदस्यों के निर्वाचन को वैध करार दिया है। इसके बाद अब राज्य में केवल 457 रिक्त पदों पर ही चुनाव कराए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने माना वैध
सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण के अध्यक्ष हंसा दत्त पांडे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी प्रबंध समिति सदस्यों के चुनाव को सही ठहराया है जो 2025 में हुए थे। इन चुनावों को लेकर विवाद हाईकोर्ट तक पहुंचा था, जहां सरकार को राहत नहीं मिल सकी थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि 5893 सदस्यों का निर्वाचन नियमों के अनुरूप हुआ था, इसलिए उनके पद बरकरार रहेंगे।
अब केवल 457 पदों पर चुनाव
प्रदेश की 672 बहुउद्देशीय सहकारी समितियों में कुल 6350 पद हैं। इनमें से 5893 पदों पर चुनाव हो चुके हैं, जबकि 457 पद खाली रह गए थे। प्राधिकरण ने अब इन रिक्त पदों के लिए चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है और जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।
विवाद की जड़: सदस्यता और मतदान अधिकार
मामला उन सदस्यों के मतदान अधिकार से जुड़ा था जो समिति में तीन साल से तो सदस्य थे, लेकिन इस दौरान उन्होंने समिति से कोई लेन-देन (ट्रांजैक्शन) नहीं किया था। 2025 में हुए चुनावों में ऐसे सदस्यों को भी मतदान का अधिकार दिया गया था। इस पर कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई और चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सरकार की ओर से अदालत में कहा गया था कि जब चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी और कई सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे, तब नियमों में बदलाव करने से पूरी प्रक्रिया प्रभावित हो जाती। हालांकि, हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां अंततः सरकार और प्राधिकरण के पक्ष में फैसला आया।
सरकार की मंशा और नियम में छूट
राज्य सरकार का उद्देश्य था कि सहकारी समितियों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण का लाभ प्रभावी रूप से मिल सके। इसके लिए सहकारी समिति नियमावली के अनुच्छेद 12(ख) से अस्थायी छूट दी गई थी, जिससे ऐसे सदस्यों को भी मतदान का अधिकार मिल सके जो सक्रिय लेन-देन नहीं कर पाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस नीति को समानता और सहभागिता की भावना के अनुरूप माना।
आगे की प्रक्रिया
अब सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण 457 रिक्त पदों के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित करेगा। माना जा रहा है कि नवंबर तक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इस फैसले के बाद सहकारी क्षेत्र में लंबे समय से चल रही अनिश्चितता समाप्त हो गई है और समितियों का प्रशासनिक कामकाज सामान्य रूप से जारी रहेगा।




