
बाराबंकी। घुंघटेर थाना क्षेत्र के दादरा गांव में मंगलवार को सड़क किनारे मिला युवक का शव एक हादसा नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या का मामला निकला। इस सनसनीखेज हत्या का खुलासा किसी गवाह या तकनीकी साक्ष्य से नहीं, बल्कि मृतक के आठ साल के बेटे की मासूम जुबान से हुआ। पुलिस ने बच्चे की बातों को गंभीरता से लेते हुए जब मामले की तहकीकात की, तो 24 घंटे के भीतर पूरे हत्याकांड की साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
मामले की शुरुआत: सड़क किनारे मिला शव, हादसे की गढ़ी कहानी
मंगलवार सुबह ग्रामीणों ने दादरा गांव के पास सड़क किनारे एक युवक का शव देखा। उसके पास ही एक बाइक गिरी हुई थी। आसपास के लोग यह मान बैठे कि शायद किसी सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हुई होगी। कुछ ही देर में मृतक की पहचान हनुमंतलाल (35) के रूप में हुई, जो अपनी पत्नी पूजा गौतम और आठ वर्षीय बेटे के साथ रहता था।
थोड़ी देर बाद मौके पर पत्नी पूजा पहुंची और उसने पुलिस को बताया कि सोमवार रात वह अपने पति और बेटे के साथ देवा मेला से लौट रही थी। रास्ते में बेटे को अचानक लघुशंका लगी, इस पर उन्होंने बाइक रोकी। तभी पीछे से आ रही एक सफेद बाइक ने जोरदार टक्कर मार दी। पूजा के अनुसार, उसी हादसे में उसके पति की मौके पर मौत हो गई।
लेकिन जब पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, तो कहानी में कई झोल नजर आए। न तो बाइक पर टक्कर के निशान थे, न ही सड़क पर खून या फिसलने के सबूत। हनुमंतलाल के सिर पर गहरी चोटें थीं, जो किसी तेज हथियार से वार का संकेत दे रही थीं।
मासूम बेटे ने तोड़ा रहस्य
पुलिस ने जब बच्चे को विश्वास में लेकर उससे बात की, तो सारा राज खुल गया। बच्चे ने मासूमियत से कहा—
“पापा को मम्मी और अंकल ने मारा।”
इतना सुनते ही पुलिस अधिकारी चौंक गए। बच्चे ने बताया कि उस रात उसके पापा को “मम्मी के दोस्त” ने लोहे की छड़ से मारा था और फिर दोनों वहां से चले गए। बच्चे के बयान ने पूरी कहानी की दिशा ही बदल दी।
पर्दाफाश: अवैध संबंध और हत्या की साजिश
एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी ने प्रेस वार्ता में बताया कि जांच के दौरान पता चला कि पूजा गौतम के अपने ही परिवार के भतीजे से अवैध संबंध थे। हनुमंतलाल को इस बात का संदेह था, जिसके चलते पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होते रहते थे। इन विवादों से परेशान होकर पूजा ने पति से छुटकारा पाने की ठान ली।
लखनऊ के डालीगंज क्षेत्र में पूजा की मुलाकात कमलेश पुत्र मूलचंद्र, जो ई-रिक्शा चालक था, से हुई। धीरे-धीरे दोनों के बीच संपर्क बढ़ा और पूजा ने कमलेश को एक लाख रुपये में हत्या करने का सौदा दे दिया।
रात में रची गई साजिश
13 अक्टूबर की रात पूजा, हनुमंतलाल और उनका बेटा लखनऊ से देवा मेला देखने गए थे। वापसी में उसने कमलेश का ई-रिक्शा बुक किया। जब वे ताहीरपुर मोड़ के पास पहुंचे, तो पहले से तय योजना के अनुसार पूजा और कमलेश ने हनुमंतलाल के सिर पर लोहे की सरिया से वार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को सड़क किनारे फेंक दिया और पास में बाइक गिरा दी ताकि यह लगे कि सड़क हादसा हुआ है।
हत्या के बाद पूजा अपने बेटे के साथ वहां से निकल गई और सुबह मौके पर पहुंचकर वही कहानी दोहराई कि उनके पति की मौत बाइक दुर्घटना में हुई है।
24 घंटे में सुलझा मामला
पुलिस ने जब तकनीकी साक्ष्य जुटाए और सर्विलांस के जरिए कमलेश की लोकेशन ट्रैक की, तो साजिश की पूरी कड़ी सामने आ गई। घुंघटेर पुलिस, स्वॉट टीम और सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में पूजा गौतम और कमलेश को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त ई-रिक्शा, लोहे की सरिया और मोबाइल फोन बरामद कर लिए हैं। एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि बच्चे की ईमानदारी और पुलिस टीम की संवेदनशीलता की वजह से ही इतनी जल्दी हत्या का पर्दाफाश संभव हो सका।
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी
दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302 (हत्या) और 120बी (षड्यंत्र) के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी की जा रही है। कमलेश से यह भी पूछताछ की जा रही है कि हत्या के लिए उसे कोई अग्रिम भुगतान मिला था या नहीं।
एएसपी ने खुलासा करने वाली पुलिस टीम की सराहना की और उन्हें पुरस्कार देने की घोषणा की।
समाज के लिए चेतावनी
यह मामला न सिर्फ एक जघन्य अपराध की कहानी है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि घरेलू विवाद और अनैतिक संबंध किस तरह इंसान को अपराध की गहराई तक धकेल सकते हैं।
एक मासूम बच्चे की सच्चाई ने न सिर्फ उसके पिता को न्याय दिलाया, बल्कि यह भी साबित किया कि अपराध चाहे कितना भी चालाक क्यों न हो — सच को ज्यादा देर तक दबाया नहीं जा सकता।





