
पानीपत के जाटल रोड स्थित सृजन पब्लिक स्कूल में एक मासूम बच्चे के साथ अमानवीय बर्ताव का मामला सामने आया है। सात साल के छात्र ने बाल कल्याण समिति के सामने रोते हुए बताया कि प्रिंसिपल और वैन चालक ने उसे बेरहमी से पीटा और कमरे में उल्टा लटका दिया। उसने हाथ जोड़कर कहा था – “अंकल, प्लीज मत पीटना,” लेकिन वे नहीं रुके। बच्चे ने बताया कि उसकी रबर गुम हो गई थी। वह उसे ढूंढ रहा था तो प्रिंसिपल रेनू मैडम को गुस्सा आ गया।
उन्होंने पहले खुद पिटाई की और फिर ड्राइवर अजय को बुलाकर कहा – “इसे दूसरे कमरे में ले जाओ और उल्टा लटका दो।” इसके बाद ड्राइवर ने रस्सी से उसके पैर बांधकर उसे जाली से उल्टा लटका दिया और थप्पड़ मारे। बच्चा लगातार रहम की भीख मांगता रहा लेकिन उसे बख्शा नहीं गया। बच्चे ने बताया कि उसे धमकी दी गई थी कि अगर उसने किसी को बताया तो दोबारा लटका देंगे। इस डर से वह चुप रहा। घटना के बाद से बच्चा डरा-सहमा रहता है, नींद में डरावने सपने आते हैं और पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है।
अन्य बच्चों की काउंसलिंग
बाल कल्याण समिति की टीम ने स्कूल पहुंचकर चार बच्चों की काउंसलिंग की। तीन और बच्चों ने भी बताया कि प्रिंसिपल जरा-सी बात पर थप्पड़ मारती थी। एक बच्चे की उम्र तीन साल और दूसरे की पांच साल है। बच्चों के मुताबिक, अगर कोई तेज आवाज में बात करता तो प्रिंसिपल उसकी पिटाई कर देती थी। इस बर्बरता का वीडियो खुद वैन चालक ने बनाया था। बाद में प्रिंसिपल ने उसे नौकरी से निकाल दिया, जिसके बाद उसने खुन्नस में वीडियो इंस्टाग्राम पर डाल दिया। वीडियो देखकर पीड़ित बच्चे की मां हैरान रह गई और शिकायत दर्ज कराई। दो और बच्चों के परिजनों ने भी प्रिंसिपल पर पिटाई का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। उन्होंने कहा कि 23 अगस्त को उनके बच्चों को भी मारा गया था।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल रीना और वैन चालक अजय को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने पूछताछ में जुर्म कबूल कर लिया। आरोपियों ने बताया कि बच्चे को सबक सिखाने के लिए उसे उल्टा लटकाया गया। पुलिस ने इस मामले में बीएनएस की धारा 115 (चोट पहुंचाना), धारा 127(2) (गलत तरीके से बंद करना), धारा 351(2) (धमकी देना) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 19 के तहत केस दर्ज किया है। दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।
प्रशासन की कार्रवाई
मामला सामने आने के बाद स्कूल को सील कर दिया गया है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि बच्चों से इस तरह का व्यवहार किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है। विभाग को आदेश दिए गए हैं कि बाकी स्कूलों की भी जांच की जाए। पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड पर लिया गया है। एसआईटी जांच कर रही है और अगर अन्य बच्चों के साथ भी इस तरह का व्यवहार सामने आता है तो उसे भी केस में शामिल किया जाएगा।