
चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बादल फटने से आई भीषण आपदा ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। लेकिन इस त्रासदी की सबसे दर्दनाक तस्वीर तब सामने आई जब मलबे से एक मां और उसके जुड़वा बेटों के शव बरामद किए गए। दोनों बेटे अपनी मां की छाती से लिपटे हुए मिले। यह मंजर देखकर पूरे गांव की आंखें नम हो गईं और माहौल मातम में डूब गया।
दर्दनाक दृश्य ने झकझोरा गांव
फाली लगा कुंतरी गांव निवासी कुंवर सिंह का परिवार इस आपदा की चपेट में आ गया।
- उनकी पत्नी कांती देवी और जुड़वा बेटे विकास व विशाल (10 वर्ष) मलबे में दबकर मौत के शिकार हो गए।
- तीनों शव जब निकाले गए, तो जुड़वा बेटे मां की छाती से चिपके मिले।
- यह दृश्य देखकर मौजूद हर व्यक्ति रो पड़ा।
गांव के लोगों ने बताया कि कांती देवी अपने बच्चों से बेहद स्नेह करती थीं। आपदा के दौरान भी उन्होंने बच्चों को सीने से चिपकाकर बचाने की कोशिश की, लेकिन कुदरत के कहर के सामने सब बेबस हो गए।
16 घंटे तक मलबे में दबे रहे कुंवर सिंह
राहत और बचाव कार्य के दौरान बचावकर्मियों को एक घर से हल्की आवाज सुनाई दी।
- रोशनदान से झांकने पर पता चला कि अंदर कोई जिंदा दबा है।
- करीब 16 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद कुंवर सिंह को जिंदा बाहर निकाला गया।
- उनका आधा शरीर मलबे में दबा था और चेहरे पर मिट्टी जमी थी।
- रोशनदान से हवा मिलती रही, जिससे उनकी जान बच गई।
कुंवर सिंह को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन पत्नी और बच्चों को खो देने का दर्द उन्हें भीतर से तोड़ गया है।
मजदूरी कर बनाया घर, अब उजड़ा आशियाना
ग्रामीणों ने बताया कि कुंवर सिंह मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते थे। बड़ी मेहनत से उन्होंने अपना घर बनाया था, लेकिन अब सब कुछ खत्म हो गया।
- जुड़वा बेटे सरस्वती शिशु मंदिर में कक्षा पाँचवीं में पढ़ते थे।
- पूरा परिवार तड़के सो रहा था कि अचानक आपदा आई और घर मलबे में समा गया।
गांव में मातम और खौफ
इस हादसे के बाद गांव में सन्नाटा और मातम पसरा है। हर कोई कुंवर सिंह के परिवार की मौत पर शोक व्यक्त कर रहा है।
- ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी त्रासदी उन्होंने पहली बार देखी है।
- बच्चे और महिलाएं अब भी डर के साये में हैं।
- कई घर मलबे में दब चुके हैं और कई परिवार बेघर हो गए हैं।