
गुरु नानक कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ एंड हॉस्पिटल के पैरामेडिकल विभाग द्वारा विश्व फिजियोथेरेपी दिवस 8 सितम्बर 2025 को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि डॉ. भरत मेहरा (वाइस प्रेसिडेंट, उत्तराखंड फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन एवं जनरल सेक्रेटरी, IAP उत्तराखंड शाखा), डॉ. आर. अरुणमोझी (सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट, SBS विश्वविद्यालय, देहरादून), प्रो. डॉ. मोहम्मद असलम, वाइस प्रिंसिपल एवं निदेशक डॉ. एस. दुरैवेल द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर की गई।
इसके पश्चात निदेशक डॉ. एस. दुरैवेल ने मुख्य अतिथि डॉ. भरत मेहरा का पुष्पगुच्छ एवं मोमेंटो भेंट कर अभिनंदन किया। अपने वक्तव्य में डॉ. मेहरा ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस की शुभकामनाएं दीं और फिजियोथेरेपी के महत्व को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी आज के समय में न केवल पुनर्वास की एक कुशल विधा है बल्कि यह निवारण, जागरूकता और स्वास्थ्य सशक्तिकरण का एक प्रभावी माध्यम भी बन चुकी है। आने वाले समय में इसमें AI और टेक्नोलॉजी का समावेश क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। उन्होंने छात्रों को फिजियोथेरेपी के भविष्य, AI और एक्सरसाइज थेरेपी, स्कोप और प्रैक्टिसेस, लेटेस्ट लेज़र टेक्नोलॉजी आदि विषयों पर मार्गदर्शन दिया। साथ ही यह भी बताया कि गुरु नानक कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ एंड हॉस्पिटल पहला ऐसा कॉलेज है जिसे IAP (Indian Association of Physiotherapists) की मान्यता पहले ही प्रयास में प्राप्त हुई है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं जिनमें भाषण, नृत्य, गायन और नुक्कड़ नाटक आदि शामिल थे। कार्यक्रम के विशेष वक्ता डॉ. आर. अरुणमोझी (सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट, SBS विश्वविद्यालय, देहरादून) ने “हेल्दी एजिंग” पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि हेल्दी एजिंग केवल शरीर की फिटनेस नहीं बल्कि मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक संतुलन का नाम है। फिजियोथेरेपी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खासकर एक्टिव लाइफस्टाइल को बनाए रखने में। इसके उपरांत कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. निधि चटर्जी द्वारा अतिथियों को मोमेंटो देकर उनका आभार व्यक्त किया गया। कॉलेज के सीईओ श्री भूपिंदर सिंह ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि छात्रों का जोश और समर्पण देखकर यह विश्वास होता है कि भविष्य में फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में गुरु नानक कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ एंड हॉस्पिटल का नाम अग्रणी रहेगा। हम अपने छात्रों को न केवल ज्ञान बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना से भी सशक्त करना चाहते हैं।
सीओओ श्रीमती विनीत अरोड़ा ने कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्रों को अपने प्रोफेशनल और पर्सनल स्किल्स को प्रस्तुत करने का मंच मिलता है, जो उनकी समग्र वृद्धि में सहायक होता है। सीएसओ श्री सैथजीत सिंह ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि छात्रों में फिजियोथेरेपी के प्रति जागरूकता और उत्साह देखकर यह प्रतीत होता है कि हमारा संस्थान सही दिशा में अग्रसर है।रजिस्ट्रार डॉ. ललित कुमार ने कहा कि हमारा उद्देश्य छात्रों को एकेडमिक रूप से ही नहीं बल्कि क्लिनिकल और व्यवहारिक तौर पर भी सशक्त बनाना है। यह कार्यक्रम उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।निदेशक डॉ. एस. दुरैवेल ने अपने संबोधन में कहा कि गुरु नानक कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ एंड हॉस्पिटल का उद्देश्य फिजियोथेरेपी जैसे क्षेत्रों में गुणवत्ता और नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखना है। हमें गर्व है कि हमारी संस्था छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम के अंत में सीईओ श्री भूपिंदर सिंह ने सभी फैकल्टी एवं विद्यार्थियों के साथ केक काटकर इस विशेष दिन का उत्सव मनाया।कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. मोहम्मद असलम, सैयद इमरान, डॉ. नारायणी शुक्ला, डॉ. निशा भारद्वाज, डॉ. अंशिका, डॉ. भावना, डॉ. श्रिया, डॉ. मनीषा, डॉ. श्यामली, सबा गुल, फलक ज़हरा, गरिमा चंद, अभिषेक भट्ट, सबा काज़मी, शिवानी मिन्हास, दीपक कुमार, लायबा हुसैन, रौनक चाहल, विद्या सिंह तथा मुस्कान गुप्ता का सराहनीय योगदान रहा।यह कार्यक्रम छात्रों की जागरूकता बढ़ाने और फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में उनके आत्मविश्वास को सशक्त करने की दिशा में एक सफल और प्रेरणादायी पहल रही।