
देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने कई बड़े फैसले लिए। कुल 26 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें अग्निवीरों के लिए संविदा पदों पर आरक्षण और धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाने के निर्णय प्रमुख रहे।
बैठक में तय किया गया कि सेवाकाल पूरा करने के बाद अग्निवीरों को समूह ग के वर्दीधारी पदों की सीधी भर्ती में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण केवल उन्हीं को मिलेगा जो उत्तराखंड के मूल निवासी या स्थायी निवासी हों। अनुमान है कि अगले वर्ष सेवानिवृत्त होने के बाद 850 पदों पर भर्ती की जाएगी।
चिह्नित वर्दीधारी पद:
- अग्निशमन और नागरिक पुलिस (कांस्टेबल/उपनिरीक्षक)
- कारागार पुलिस सेवा (बंदी रक्षक)
- वन विभाग (वन रक्षक)
- राजस्व पुलिस (पटवारी)
- आबकारी विभाग (पुलिस बल)
- परिवहन विभाग (पर्वतन दल)
धर्मांतरण कानून और सख्त
कैबिनेट ने उत्तराखंड धर्मांतरण कानून में संशोधन को मंजूरी दी।
- अधिकतम सजा 10 साल से बढ़ाकर 14 साल
- विशेष मामलों में सजा 20 साल तक
- जुर्माना 50 हजार से बढ़ाकर 10 लाख रुपये
कैबिनेट के अन्य प्रमुख फैसले
- उत्तराखंड परियोजना विकास एवं निर्माण निगम (UPDCC) का ढांचा पुनर्गठित।
- यूआईआईडीबी और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय के कार्यों के लिए दो अतिरिक्त कार्यक्रम इकाई का गठन।
- लखवाड़ जल विद्युत परियोजना प्रभावितों को नैनबाग के सर्किल रेट पर मुआवजा।
- औद्योगिक आस्थानों में शेड/भूखंड आवंटन और किराया नीति में संशोधन।
- उत्तराखंड उच्चतर न्यायिक सेवा (संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी।
- रेरा की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 विधानसभा में पेश करने को मंजूरी।
- उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड 2021-22 की वित्तीय रिपोर्ट पेश करने को मंजूरी।
- विद्युत नियामक आयोग के वार्षिक लेखा और रिपोर्ट 2023-24 को विधानमंडल में रखने की अनुमति।
- उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट पेश करने की अनुमति।
- पशुपालन विभाग सांख्यिकीय सेवा नियमावली 2025 का प्राख्यापन।
- वित्त सेवा (संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी।
- विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति (STI) – 2025 को मंजूरी।
- नगर निकायों में ओबीसी सर्वेक्षण के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस वर्मा की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग का गठन।
- प्रादेशिक विकास सेवा नियमावली 2011 में संशोधन।
- उत्तराखंड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक 2025 को पुनः विधानसभा में पेश करने को मंजूरी।
- बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिर प्रशासन में उपाध्यक्ष का एक अतिरिक्त पद सृजित।
इन फैसलों से साफ है कि सरकार ने एक साथ सुरक्षा, धार्मिक कानून, प्रशासनिक सुधार और विकास से जुड़े मुद्दों पर कदम बढ़ाए हैं। विशेष रूप से अग्निवीरों के लिए आरक्षण और धर्मांतरण कानून को कड़ा करना आने वाले समय में राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बन सकता है।