
हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में हुई 10 वर्षीय अमित मौर्य की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को दहला दिया। पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस हत्याकांड के खुलासे तक का सफर बेहद चुनौतीपूर्ण रहा।
4 अगस्त, सोमवार दोपहर करीब 12 बजे अमित घर से निकला और पांच घंटे के भीतर ही उसकी हत्या कर दी गई। आरोपी ने बच्चे का गला रेतकर शव के टुकड़े किए और उन्हें अलग-अलग जगह दफन कर दिया। मंगलवार सुबह 10 बजे के करीब पुलिस को गड्ढे से धड़ मिला, लेकिन सिर और दाहिना हाथ गायब था। इसके बाद पुलिस और परिजन लगातार तलाश करते रहे। आखिरकार, 85 घंटे बाद शनिवार तड़के 1 बजे सिर और हाथ बरामद हो सके।
आरोपी की चुप्पी और पुलिस की मशक्कत
हत्या का शक गांव के ही एक युवक पर था, जिसे घटना के अगले दिन से पुलिस हिरासत में रखे हुए थी। लेकिन आरोपी बेहद शातिर निकला—पांच दिन तक उसने पुलिस को गुमराह किया और जुर्म कबूल नहीं किया। कई दौर की पूछताछ, सबूत जुटाने और दबाव बनाने के बाद छठे दिन आरोपी ने अपराध स्वीकार किया और छिपाए गए अंगों का स्थान बताया।
पांच दिनों तक गौलापार के पश्चिमी खेड़ा गांव में दहशत का माहौल बना रहा। माता-पिता अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं जाने दे रहे थे। ग्रामीणों में गुस्सा और बेचैनी थी कि हत्यारे को जल्द से जल्द सजा मिले।
कैसे हुआ खुलासा
- सोमवार: अमित लापता हुआ, शाम तक तलाश शुरू।
- मंगलवार सुबह: घर से 20 मीटर दूर खेत के गड्ढे में सिर और हाथ रहित धड़ मिला।
- मंगलवार–शुक्रवार: पुलिस आरोपी को कस्टडी में लेकर पूछताछ करती रही, लेकिन वह टालमटोल करता रहा।
- शनिवार तड़के: आरोपी की निशानदेही पर सिर और हाथ बरामद।
पुलिस की चुनौती
काठगोदाम थाना पुलिस ने गांव के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें बच्चा आरोपी के घर की ओर जाता दिखा, लेकिन लौटते हुए नहीं मिला। यही पहला बड़ा सुराग बना। इसके बाद वैज्ञानिक साक्ष्यों, गवाहों के बयान और फॉरेंसिक टीम की मदद से पुलिस ने केस को सुलझाया।