
मुजफ्फरनगर | मुजफ्फरनगर की चर्चित औद्योगिक इकाई सर्वोत्तम स्टील के मालिक और उद्योगपति संजय जैन को करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी के मामले में आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। यह कार्रवाई केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) की खुफिया शाखा डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) ने की। डीजीजीआई की टीम ने संजय जैन को शुक्रवार को मेरठ कार्यालय में गिरफ्तार किया और उन्हें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
छापे में खुला था फर्जी बिलिंग और कर चोरी का जाल
यह मामला 5 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ था, जब डीजीजीआई की कई टीमों ने मेरठ रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी। डिप्टी कमिश्नर श्रेया गुप्ता के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में सर्वोत्तम स्टील के खिलाफ चौंकाने वाले खुलासे हुए थे।
जांच में सामने आया कि कंपनी ने—
- फर्जी बिलों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत लाभ उठाया।
- फर्जी फर्मों से लेन-देन दिखाकर जीएसटी की चोरी की।
- करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान किया।
समन के बावजूद पेश नहीं हो रहे थे उद्योगपति
छापे के बाद डीजीजीआई ने संजय जैन को मेरठ और देहरादून स्थित कार्यालयों में पूछताछ के लिए कई बार समन भेजा। इसके बावजूद वे लंबे समय तक पेश नहीं हुए। आखिरकार, उन्हें देहरादून कार्यालय बुलाकर कड़ी पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद वहीं से गिरफ्तार कर मेरठ लाया गया। गिरफ्तारी के अगले दिन यानी शुक्रवार को संजय जैन को मेरठ के सीजेएम की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
मामले का महत्व और आगे की कार्रवाई
डीजीजीआई सूत्रों के अनुसार, यह मामला केवल एक कंपनी तक सीमित नहीं है, बल्कि फर्जी बिलिंग और जीएसटी चोरी के बड़े नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। आगे की जांच में अन्य कंपनियों और बिचौलियों की भी भूमिका सामने आ सकती है। कर विभाग का दावा है कि इस तरह की कार्रवाइयों से न केवल कर चोरी पर रोक लगेगी, बल्कि ईमानदार करदाताओं का भरोसा भी बढ़ेगा।