
आगरा | उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक विवाहिता ने अपने पति और ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना है कि पति रात में उसके साथ जबरन अप्राकृतिक कृत्य करता था, जबकि जेठ ने उसके साथ छेड़खानी और दुष्कर्म का प्रयास किया। इतना ही नहीं, ससुराल वालों ने लगातार 11 लाख रुपये दहेज की मांग की और विरोध करने पर उसे घर से निकाल दिया।
अदालत में गुहार, पुलिस को जांच के आदेश
मामले में पीड़िता ने न्यायालय में प्रार्थनापत्र दाखिल किया, जिसके बाद एसीजेएम-1 ने पति मोहम्मद सलमान, ससुर अब्दुल सलाम, सास नगीना, जेठानी फरीदा और जेठ मोहम्मद नईम के खिलाफ थानाध्यक्ष जगदीशपुरा को केस दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है। पीड़िता के अनुसार, 1 मार्च 2021 को उसका निकाह धौलपुर (राजस्थान) के बाड़ी निवासी मोहम्मद सलमान से हुआ था। विवाह के बाद से ही पति और ससुरालीजन दहेज में 11 लाख रुपये की मांग कर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगे।
जेठ ने कमरे में घुसकर किया हमला
शिकायत में बताया गया है कि 29 मई 2024 को उसका जेठ मोहम्मद नईम उसके कमरे में घुस आया और दुष्कर्म की कोशिश की। इसके अलावा, पति कई बार रात में अप्राकृतिक कृत्य करता था। विरोध करने पर 1 जून 2024 को ससुराल पक्ष ने उसके साथ मारपीट की और घर से निकाल दिया। पीड़िता का कहना है कि उसने इस मामले में थाने में शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। मजबूर होकर उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जहां उसकी पीड़ा को गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज करने का आदेश दिया गया।
कानूनी प्रावधान
- भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 — अप्राकृतिक यौन कृत्य
- धारा 354 और 354B — महिला से छेड़खानी और हमला
- धारा 498A — दहेज उत्पीड़न
- धारा 323, 504, 506 — मारपीट, गाली-गलौज और धमकी
विशेषज्ञ की राय
महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में पुलिस की प्रारंभिक निष्क्रियता पीड़िताओं को दोहरी पीड़ा देती है।
“कानून में प्रावधान साफ है कि महिला की शिकायत पर तुरंत एफआईआर दर्ज होनी चाहिए, लेकिन कई बार पीड़िता को अदालत तक जाना पड़ता है,” — रीना शुक्ला, महिला अधिकार मंच