
मुंगेर (बिहार)। धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाली एक चौंकाने वाली घटना मुंगेर जिले के जमालपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मोहनपुर मोहल्ले से सामने आई है। यहां मां काली की एक निर्माणाधीन प्रतिमा को अज्ञात असामाजिक तत्वों ने न केवल खंडित किया, बल्कि उसे मंदिर परिसर से उठाकर पास के नाले में फेंक दिया। यह शर्मनाक घटना सोमवार को मां शक्ति काली मंदिर संख्या-2 परिसर में घटी, जहां मंदिर का नवनिर्माण कार्य चल रहा था।
घटना की जानकारी मिलते ही इलाके में आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, श्रद्धालु और मंदिर समिति के सदस्य मौके पर जुट गए और घटना की कड़ी निंदा की। उनका कहना है कि यह कोई सामान्य शरारत नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश है, जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और मंदिर की जमीन पर कब्जा जमाने की नीयत से की गई है।
✦ मंदिर समिति ने जताया साजिश का संदेह
मंदिर समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि मंदिर की जमीन को लेकर कई वर्षों से कुछ स्थानीय तत्वों की नजर है। समिति के अध्यक्ष ने कहा,
“यह कोई पहली घटना नहीं है। मंदिर की जमीन को लेकर पहले भी विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई थी। लेकिन मूर्ति खंडित कर उसे नाले में फेंक देना न केवल आस्था का अपमान है, बल्कि यह असामाजिक ताकतों के बढ़ते दुस्साहस को भी दर्शाता है।”
✦ पूर्व पार्षद ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व वार्ड पार्षद और जन सुराज नेता रोहित सिंहा ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा,
“यह विवाद वर्षों पुराना है, जिसे लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया गया। लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। आज जो हुआ है, वह प्रशासनिक निष्क्रियता का ही परिणाम है। जब तक पूजा चलती है, तब तक अधिकारी सजग रहते हैं, लेकिन बाद में सब उदासीन हो जाते हैं। इससे असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ता है।”
✦ प्रशासन ने शुरू की जांच
घटना की गंभीरता को देखते हुए सदर अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) कुमार अभिषेक ने तत्काल संज्ञान लिया। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही स्थानीय थाना प्रभारी, अंचल अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) और पुलिस बल को घटनास्थल पर भेजा गया है।
एसडीओ कुमार अभिषेक ने कहा,
“प्रारंभिक जांच में मामला मंदिर की जमीन से जुड़े पुराने विवाद का प्रतीत होता है। हालांकि, साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर गहन जांच की जा रही है। दोषियों की पहचान होते ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
✦ सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश?
स्थानीय नागरिकों और धार्मिक संगठनों का कहना है कि यह घटना सिर्फ मूर्ति तोड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और दो पक्षों में तनाव पैदा करने की साजिश का हिस्सा भी हो सकती है। उन्होंने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
✦ क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
सामाजिक कार्यकर्ता प्रो. अशोक कुमार ने कहा,
“धार्मिक स्थलों से जुड़ी ऐसी घटनाएं समाज में अविश्वास और असुरक्षा की भावना को जन्म देती हैं। प्रशासन को केवल दोषियों को पकड़ना ही नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए संरचनात्मक उपाय भी करने चाहिए।”