
देहरादून | उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में गढ़ी कैंट क्षेत्र में आयोजित भव्य रक्षाबंधन समारोह में प्रदेश की बहनों के लिए एक भावनात्मक और संकल्पबद्ध संदेश सुनने को मिला। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर न केवल एक राजनेता, बल्कि एक ‘भाई’ के रूप में मंच साझा किया। उन्होंने कहा— “प्रदेश की किसी भी बहन-बेटी को कोई परेशानी हो तो वह निसंकोच मेरे कार्यालय से संपर्क करे, मैं भाई के कर्तव्य का पालन करूंगा।”
मुख्यमंत्री की संवेदनशील अपील
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह पर्व उनके लिए कोई औपचारिक अवसर नहीं, बल्कि एक आत्मीय संबंध का पर्व है। “मैं इस समारोह में मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, एक भाई के रूप में उपस्थित हूं,” उन्होंने कहा। उनका यह व्यक्तिगत जुड़ाव महिलाओं के बीच गहरी छाप छोड़ गया। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार जल्द ही ‘जल सखी योजना’ शुरू करने जा रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की आजीविका को मजबूती दी जाएगी। इस योजना के तहत पेयजल आपूर्ति, बिलिंग, वसूली और रख-रखाव जैसे कार्य महिला स्वयं सहायता समूहों को आउटसोर्स किए जाएंगे।
नारी सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की पहलें
सीएम धामी ने अपनी सरकार की उन पहलों की चर्चा की, जिन्होंने राज्य की महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास किया है। इनमें शामिल हैं—
- नारी शक्ति वंदन अधिनियम
- तीन जैसी कुप्रथाओं का अंत
- महिलाओं को मकान, शौचालय, और मातृत्व अवकाश में प्राथमिकता
- बेटियों के लिए सैनिक स्कूलों और सेना में अवसर
उन्होंने गर्व से कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है, जो राज्य की नारीशक्ति का उदाहरण है।
समारोह में केंद्रीय मंत्री और कैबिनेट मंत्री भी हुए शामिल
इस रक्षाबंधन समारोह में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी शिरकत की और इसे “पारिवारिक नहीं, सामाजिक उत्सव” बताया। उन्होंने कहा—
“आज रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन का पर्व नहीं रहा, बल्कि यह नारी सम्मान और सामाजिक संकल्प का प्रतीक बन चुका है। अब योजनाएं सिर्फ भाई-भतीजावाद तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि हर जरूरतमंद तक पहुंच रही हैं।”
घोड़ा प्रकरण पर भावुक हुए गणेश जोशी
समारोह की अध्यक्षता कर रहे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी इस दौरान भावुक हो गए, जब उन्होंने पुराना घोड़ा प्रकरण याद किया। उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें झूठे केस में फंसाकर जेल भेजा गया, लेकिन बहनों के आशीर्वाद से वे चुनाव में और अधिक मतों से विजयी हुए।
व्यवस्था चरमराई, लगा जाम
समारोह में बड़ी संख्या में महिलाओं के आने से प्रशासन की तैयारियां नाकाफी साबित हुईं। पार्किंग और ट्रैफिक के अस्थायी इंतजाम फेल हो गए, जिससे क्षेत्र में घंटों जाम लगा रहा। कई महिलाओं को समारोह स्थल तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।