
देहरादून | उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने, जवाबदेही सुनिश्चित करने और जनसेवाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के उद्देश्य से बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। शनिवार और रविवार को लगातार दो दिनों में कुल आठ IAS अधिकारियों, दो PCS अधिकारियों और पांच सचिवालय सेवा अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। कार्मिक विभाग की ओर से तबादलों की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह बदलाव न केवल क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की कवायद है, बल्कि जमीनी स्तर पर सुशासन की नींव को और मज़बूती देने का संकेत भी है।
🔷 IAS अधिकारियों का तबादला: जिम्मेदारियां बदली, संकेत साफ
राज्य सरकार ने जिन चार IAS अधिकारियों को रविवार को नई जिम्मेदारियां सौंपी हैं, वे इस प्रकार हैं:
- दीपक रामचंद्र
- पूर्व पद: संयुक्त मजिस्ट्रेट, पौड़ी
- नया पद: संयुक्त मजिस्ट्रेट, रुड़की
- विशेष: गढ़वाल क्षेत्र में उनके कार्य की प्रशंसा के बाद अब रुड़की जैसे संवेदनशील औद्योगिक क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- राहुल आनंद
- पूर्व पद: संयुक्त मजिस्ट्रेट, रानीखेत
- नया पद: संयुक्त मजिस्ट्रेट, देहरादून
- विशेष: राजधानी देहरादून में प्रशासनिक ढांचे को सुदृढ़ करने हेतु नियुक्ति।
- गौरी प्रभात (पूर्व में बाध्य प्रतीक्षा)
- नया पद: संयुक्त मजिस्ट्रेट, रानीखेत
- विशेष: महिला अधिकारियों को सुदूर पर्वतीय जिलों में भेजना प्रशासन की संवेदनशील सोच को दर्शाता है।
- दीक्षिता जोशी (पूर्व में बाध्य प्रतीक्षा)
- नया पद: संयुक्त मजिस्ट्रेट, पौड़ी
- विशेष: लंबे समय से प्रतीक्षारत अधिकारियों को सक्रिय जिम्मेदारी देकर सरकार ने क्षमता पर भरोसा जताया है।
इसके अलावा, शनिवार को जिन चार अन्य IAS अधिकारियों के तबादले हुए थे, उनके नाम भी शासन द्वारा जारी सूची में दर्ज हैं, जिनमें प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं।
🔷 PCS अधिकारियों का तबादला: फील्ड पर लौटे अनुभवी अफसर
सरकार ने दो PCS अधिकारियों को भी नई जिम्मेदारियां दी हैं, जो जिला स्तर की कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि उनके नामों का विस्तृत विवरण अधिसूचना के परिशिष्ट में संलग्न है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इनमें एक अधिकारी को जिला पूर्ति अधिकारी और दूसरे को उपजिलाधिकारी (SDM) के रूप में नई तैनाती दी गई है।
🔷 सचिवालय सेवा के पांच अधिकारियों का भी हुआ स्थानांतरण
प्रदेश सचिवालय में कार्यरत पांच वरिष्ठ अधिकारियों का भी कार्यस्थल बदला गया है। इन्हें विभिन्न अनुभागों और प्रमुख सचिवों के अधीन नई ज़िम्मेदारियाँ दी गई हैं। यह फेरबदल सचिवालय में कार्यकुशलता और समन्वय बेहतर करने की दृष्टि से किया गया है।
🔷 सरकार का संदेश: दक्षता, पारदर्शिता और जन सेवा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार लगातार यह संकेत दे रही है कि प्रशासनिक सुस्ती को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फेरबदल में ध्यान दिया गया है कि:
- जो अधिकारी निष्क्रिय या विवादों में रहे, उन्हें फील्ड से हटाया गया।
- प्रतिभाशाली लेकिन प्रतीक्षारत अधिकारियों को नया मौका दिया गया।
- महिला अधिकारियों को प्राथमिकता देकर शासन ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में संदेश दिया है।
🔷 जनता पर प्रभाव: किस जिले को क्या फायदा?
- रुड़की जैसे औद्योगिक और शहरी क्षेत्र में अब मजबूत नेतृत्व की उम्मीद जताई जा रही है।
- देहरादून, राज्य की राजधानी और प्रशासनिक हब है, जहां IAS राहुल आनंद की नियुक्ति को अनुभव और युवा ऊर्जा का मिश्रण कहा जा रहा है।
- पौड़ी और रानीखेत, जैसे पर्वतीय और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नई नियुक्तियों से लोगों को बेहतर संपर्क और समस्या समाधान की आशा है।
🔷 राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल
इस फेरबदल को लेकर प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा गर्म है। लगातार दो दिनों में इतने बड़े स्तर पर बदलाव पहले कम ही देखने को मिले हैं। जानकारों का मानना है कि यह मुख्यमंत्री की ‘मिशन-2027’ रणनीति का हिस्सा है, जिसमें ब्यूरोक्रेसी को चुस्त-दुरुस्त करना पहली प्राथमिकता है।