
देहरादून | उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता एक बार फिर तेज़ हो गई है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने देहरादून और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य कई जिलों में येलो अलर्ट प्रभावी है। शनिवार देर रात से राजधानी देहरादून में झमाझम बारिश हो रही है, जिससे तापमान में गिरावट आई है और लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है।
भारी बारिश का असर, जनजीवन प्रभावित
मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के अनुसार, प्रदेश के पर्वतीय जिलों में 5 अगस्त तक तेज बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। भारी वर्षा की संभावना के मद्देनज़र लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है। इस मौसम का सबसे अधिक असर पर्वतीय मार्गों पर देखने को मिल रहा है। लगातार हो रही बारिश के चलते प्रदेश में 64 सड़कें मलबा और भूस्खलन की वजह से बंद हो चुकी हैं, जिनमें अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों की हैं।
कौन-कौन सी सड़कें हैं बंद?
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार:
- उत्तरकाशी जिले में सबसे अधिक 13 सड़कें बंद हैं।
- रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में 11-11 सड़कें अवरुद्ध हैं।
- देहरादून और चमोली में सात-सात सड़कें,
- टिहरी में पांच,
- नैनीताल में चार,
- बागेश्वर में तीन,
- पौड़ी में दो,
- और अल्मोड़ा जिले में एक सड़क मलबे की वजह से बंद है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें बंद होने से लोगों की दैनिक आवाजाही, चिकित्सा आपूर्ति, स्कूल और जरूरी सेवाओं पर असर पड़ा है। कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़क मार्गों से कट चुका है।
प्रशासन अलर्ट मोड में
जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग (PWD) की टीमें मलबा हटाने के कार्य में जुटी हैं। हालांकि लगातार बारिश रुकावट डाल रही है। विभाग ने भारी मशीनरी और जेसीबी की मदद से प्राथमिकता के आधार पर प्रमुख मार्गों को खोलने का प्रयास शुरू किया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों को आवश्यक संसाधनों के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन व निगरानी टीमों की मदद से भूस्खलन और जलभराव की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
क्या करें, क्या न करें: जनसुरक्षा के लिए दिशानिर्देश
- भारी बारिश के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा से बचें।
- नदी-नालों के किनारे न जाएं।
- मोबाइल पर अलर्ट संदेशों और मौसम बुलेटिन पर ध्यान दें।
- किसी आपात स्थिति में जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।