
ज्योतिर्मठ (चमोली) | उत्तराखंड की पवित्र हिमालयी वादियों में स्थित हेमकुंड साहिब की यात्रा इस वर्ष भी श्रद्धालुओं के जबरदस्त उत्साह के साथ जारी है। 25 मई से शुरू हुई यात्रा में अब तक 2.28 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र सरोवर के तट पर स्थित गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेक चुके हैं। हेमकुंड साहिब प्रबंधन ट्रस्ट के अनुसार, इस पावन स्थल के कपाट इस वर्ष 10 अक्तूबर 2025 को शीतकालीन अवकाश के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या
ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि बरसात के बावजूद इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। तीर्थयात्री कठिन मौसम और दुर्गम मार्ग की परवाह किए बिना बड़ी संख्या में हेमकुंड की यात्रा कर रहे हैं। इस बार यात्रियों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में अधिक रही है, जिससे यह स्पष्ट है कि आस्था हर परिस्थिति में अडिग रहती है।
4329 मीटर की ऊंचाई पर आस्था का केंद्र
हेमकुंड साहिब समुद्र तल से लगभग 4329 मीटर (14,200 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। चारों ओर बर्फ से ढकी पहाड़ियां और मध्य में स्थित पवित्र हिमसरोवर इस स्थल को अत्यंत अलौकिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण बनाते हैं। यात्रा मार्ग रुद्रप्रयाग, चमोली और गोविंदघाट होते हुए घांघरिया तक जाता है, जहां से श्रद्धालुओं को लगभग 6 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई तय करनी होती है।
बरसात में खिल रहे ब्रह्मकमल, दिख रहा दुर्लभ दृश्य
इन दिनों हेमकुंड क्षेत्र में ब्रह्मकमल सहित अनेक दुर्लभ फूलों की प्रजातियां खिल रही हैं, जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। हिमालय की गोद में स्थित यह स्थल इस मौसम में और भी मनोहारी हो जाता है। फूलों की घाटी भी इसी समय पर पूरी तरह खिला हुआ दिखाई देता है, जिससे प्राकृतिक सौंदर्य चरम पर होता है।
सुरक्षा और सुविधाएं
प्रशासन और ट्रस्ट द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। स्वास्थ्य शिविर, लंगर सेवा, विश्राम गृह और नियमित सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। घांघरिया से हेमकुंड तक के ट्रैक पर सुरक्षा बलों की नियमित तैनाती की गई है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
श्रद्धालुओं से अपील
ट्रस्ट ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यात्रा करें। खासकर बारिश के मौसम में फिसलन और भूस्खलन की आशंका बनी रहती है, इसलिए उचित जूते पहनें, सामान हल्का रखें और मेडिकल फिटनेस का विशेष ध्यान दें।