
मेरठ | उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। गंगानगर थाना क्षेत्र के अम्हेड़ा गांव में एक युवक ने अपनी सात माह की गर्भवती पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी। आरोपी ने लॉकेट पहनाने के बहाने पत्नी से आंखें बंद करवाईं और चाकू-ब्लेड से गला रेत डाला। इसके बाद उसने ताबड़तोड़ 20 से ज्यादा वार किए, जिससे मौके पर ही महिला की मौत हो गई। इस घटना से गांव में सनसनी फैल गई है।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
घटना शनिवार सुबह की है। आरोपी पति रविशंकर, भावनपुर निवासी, ने अपनी 26 वर्षीय पत्नी सपना को घर पर बुलाया। सपना इन दिनों अपनी बहन के घर रह रही थी। रविशंकर ने कहा कि वह उसके लिए लॉकेट लाया है और उसे खुद पहनाना चाहता है। इस बहाने से उसने सपना को आंखें बंद करने को कहा और जैसे ही सपना ने आंखें बंद कीं, उसने पहले ब्लेड से गला रेत डाला और फिर लगातार 20 से अधिक बार चाकू से हमला किया। इस क्रूर हमले में सपना और उसके गर्भ में पल रहे सात महीने के शिशु दोनों की मौत हो गई। हत्या के बाद आरोपी ने खुद पुलिस को कॉल कर पूरी वारदात की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया।
हत्या के पीछे शक या दहेज?
सीओ सदर देहात शिवप्रताप सिंह ने बताया कि रविशंकर ने पूछताछ में पत्नी पर शक होने की बात कही है। उसने कबूल किया कि उसे लगता था सपना का किसी और से संबंध है और इसी संदेह में उसने हत्या की योजना बनाई। हालांकि, सपना के परिजन इसे दहेज हत्या बता रहे हैं। उनका आरोप है कि शादी के कुछ समय बाद से ही रविशंकर और उसका परिवार सपना को दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगा था।
हाल ही में हुई थी शादी
जांच में सामने आया कि सपना और रविशंकर की शादी 23 जनवरी 2025 को हुई थी। रविशंकर गांव में किराने की दुकान चलाता है। सपना की परवरिश उसकी बड़ी बहन ममता और जीजा मुन्ना ने की थी, जिन्होंने बचपन में उसे अपने घर ला लिया था और पढ़ाया-लिखाया। सपना हाल ही में पांच दिन पहले ही बहन के घर आई थी, जहां से वह रविशंकर के कहने पर दोबारा ससुराल गई थी।
पुलिस जांच में जुटी, एफआईआर दर्ज
पुलिस ने धारा 302 (हत्या), 315 (गर्भस्थ शिशु की हत्या), और 498ए (दहेज प्रताड़ना) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से सबूत एकत्र किए हैं। परिजनों के बयान के आधार पर रविशंकर के परिवार के अन्य सदस्यों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
समाज को झकझोर देने वाली घटना
इस वीभत्स हत्याकांड ने एक बार फिर से समाज में महिलाओं की सुरक्षा और वैवाहिक जीवन में बढ़ते अविश्वास पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गर्भवती महिला की हत्या न सिर्फ कानूनी अपराध है, बल्कि नैतिक रूप से भी समाज के गिरते मूल्यों को उजागर करता है।