
देहरादून | देहरादून के व्यस्त आईएसबीटी फ्लाईओवर के पास सोमवार को एक दर्दनाक हादसे में स्कूटी सवार युवती की जान चली गई। सहारनपुर निवासी और बीएफआईटी कॉलेज में पढ़ाई कर रही छात्रा लाइ बानो को एक तेज रफ्तार टूरिस्ट बस ने कुचल दिया। घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों में भारी गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने बस चालक को पकड़ लिया, उसकी पिटाई की और कुछ देर के लिए जाम भी लगा दिया।
■ छात्रा को ओवरटेक करते वक्त पीछे से आई बस ने मारी टक्कर
पुलिस के अनुसार, यह हादसा सोमवार शाम लगभग चार बजे हुआ। सहारनपुर जिले के मानकाऊ गांव की निवासी 22 वर्षीय लाइ बानो, बीएफआईटी संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रही थी। वह स्कूटी से माजरा क्षेत्र से आईएसबीटी की ओर जा रही थी। इसी दौरान उसने एक बस को ओवरटेक करने की कोशिश की। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, स्कूटी ओवरटेक करते समय अचानक असंतुलित हो गई और लाइ बानो पीछे से तेज गति से आ रही बस की चपेट में आ गई। बस चालक समय रहते वाहन को नियंत्रित नहीं कर पाया और बस का पिछला पहिया युवती पर चढ़ गया।
■ मौके पर ही मौत, आक्रोशित भीड़ ने बस चालक की की पिटाई
घटना होते ही मौके पर मौजूद लोगों ने बस को घेर लिया और बस चालक को पकड़ लिया। आक्रोशित भीड़ ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को नियंत्रित किया। युवती बस के पिछले पहिये के नीचे बुरी तरह फंसी हुई थी। पुलिस ने तत्काल बस को हटवाया और घायल छात्रा को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया।
लेकिन डॉक्टरों ने छात्रा को मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर सुनते ही कॉलेज और छात्रा के घर में कोहराम मच गया।
■ पुलिस ने बस जब्त की, चालक गिरफ्तार
पुलिस ने बस को अपने कब्जे में ले लिया है। बस सहारनपुर नंबर की टूरिस्ट बस है, जिसके मालिक और परिचालन से जुड़ी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस ने चालक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही हैं, ताकि घटना की सही तस्वीर सामने आ सके।
■ सवाल जो उठते हैं…
- क्या टूरिस्ट बसों की गति पर नियंत्रण रखने के लिए कोई निगरानी तंत्र है?
- ओवरटेकिंग के समय सुरक्षा उपायों की जानकारी छात्रों को दी जाती है?
- क्या पुलिस और प्रशासन इस हादसे से कोई सबक लेंगे या ये आंकड़ों में दर्ज एक और मौत बनकर रह जाएगी?
यह हादसा न केवल एक छात्रा की अकाल मृत्यु की त्रासदी है, बल्कि यह देहरादून जैसे शहर में सड़क सुरक्षा की स्थिति पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या शहर की सड़कों पर आम नागरिक सुरक्षित हैं?