
रुड़की। उत्तराखंड पुलिस के ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत चलाए गए विशेष अभियान में कलियर पुलिस ने तीन बहुरूपिए बाबाओं को गिरफ्तार किया। इनमें से एक व्यक्ति जितेंद्र ऐसा निकला जो बीते 20 वर्षों से अपने परिवार से बिछड़ा हुआ था। गिरफ्तारी के बाद जब उसकी पहचान की गई, तो पता चला कि वह वर्ष 2005 में घर से लापता हुआ था। यह खबर सुनकर उसका परिवार भावुक हो उठा और तुरंत थाने पहुंचा। वर्षों बाद अपनों को पाकर परिवार ने पुलिस का आभार जताया।
घर से लापता होकर बन गया था बाबा
जितेंद्र (40), पुत्र कुंवरपाल, मूल रूप से दलपतपुर थाना बिलारी, जिला मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) का निवासी है। वह 2005 में घर से लापता हो गया था। इसके बाद वह उत्तराखंड आकर ‘बाबा’ के रूप में जीवन जीने लगा। कलियर क्षेत्र में वह झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाता था। पुलिस ने जब ऑपरेशन कालनेमि के तहत उसे हिरासत में लिया, तो पूछताछ में उसकी असली पहचान सामने आई।
थाने में हुआ 20 साल बाद मिलन
पुलिस ने जब उत्तर प्रदेश के संबंधित थाने से जानकारी प्राप्त की तो जितेंद्र की गुमशुदगी की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने उसके परिवार से संपर्क किया और उन्हें थाने बुलाया गया। थाने में जब 20 साल बाद जितेंद्र अपने परिजनों से मिला तो भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा। परिवार ने उसे जीवित देखकर खुशी से पुलिस का धन्यवाद किया।
बाबा बनकर कर रहे थे धोखाधड़ी
पुलिस की जांच में सामने आया कि जितेंद्र समेत तीनों आरोपी कांवड़ यात्रा के दौरान बाबा का भेष धारण कर लोगों को तंत्र-मंत्र, जादू-टोना, झाड़-फूंक जैसी गतिविधियों के जरिए भ्रमित कर रहे थे। अन्य दो गिरफ्तार आरोपी हैं — जैद (21) पुत्र गुलजार निवासी नवाब गंज, सहारनपुर और रण सिंह (56) पुत्र कलिराम निवासी हीरा सिंह थाना सदर, अंबाला। पुलिस के अनुसार इनका उद्देश्य अंधविश्वास के माध्यम से लोगों को ठगना था।
ऑपरेशन कालनेमि को मिल रहा व्यापक समर्थन
उत्तराखंड में चलाए जा रहे ऑपरेशन कालनेमि का उद्देश्य कांवड़ यात्रा के दौरान भेष बदलकर सक्रिय ठगों, ढोंगियों और असामाजिक तत्वों की पहचान करना है। इस अभियान को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर राज्यभर में सक्रिय रूप से चलाया जा रहा है और इसे देशभर से सराहना मिल रही है। जितेंद्र के 20 साल बाद अपने परिवार से मिलन की यह घटना इस बात का प्रमाण है कि पुलिस की सतर्कता और गंभीरता किस तरह किसी की जिंदगी बदल सकती है। वहीं ऑपरेशन कालनेमि न केवल ठगों पर नकेल कसने में सफल हो रहा है, बल्कि वह वर्षों पुराने बिछड़े हुए संबंधों को भी जोड़ रहा है।